टीकमगढ़ बान सुजारा बांध परियोजना की अंडरग्राउंड पाइप लाइन में हुए बड़े लीकेज ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। बम्हारीकलां और निवोरा के बीच मुख्य नहर की लाइन जॉइंट से अचानक हुए लीकेज के कारण किसान मुकेश रजक सहित आसपास के किसानों की गेहूं की फ सल पूरी तरह नष्ट हो गई। किसानों […]
टीकमगढ़ बान सुजारा बांध परियोजना की अंडरग्राउंड पाइप लाइन में हुए बड़े लीकेज ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। बम्हारीकलां और निवोरा के बीच मुख्य नहर की लाइन जॉइंट से अचानक हुए लीकेज के कारण किसान मुकेश रजक सहित आसपास के किसानों की गेहूं की फ सल पूरी तरह नष्ट हो गई।
किसानों के अनुसार सिंचाई के लिए बिछाई गई अंडर ग्राउंड पाइप लाइन खेत में टूटने से तेज दबाव के साथ पानी बहने लगा। पानी की रफ्तार इतनी अधिक थी कि सुबह के समय घना कोहरा और चारों ओर फैला पानी एक सा नजर आ रहा था। देखते ही देखते खेतों में नदी.नाले जैसे हालात बन गए और फ सल पानी में डूबकर बह गई।
किसान मुकेश रजक ने बताया कि उनके करीब चार एकड़ में लगी गेहूं की फ सल पाइप लाइन लीकेज के कारण पूरी तरह खराब हो गई। जिससे उन्हें हजारों रुपए का नुकसान हुआ है। किसानों का आरोप है कि घटना की सूचना समय रहते विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को दी गई, लेकिन इसके बावजूद न तो पानी की सप्लाई बंद की गई और न ही पाइपलाइन की मरम्मत के कोई प्रयास किए गए।
किसानों ने बताया कि नहर पहले ही देरी से चालू की गई थी। मजबूरी में किसानों ने कुएं और बोर से सिंचाई कर फ सल तैयार कर ली थी। इसके बाद जब नहर में दबाव के साथ पानी छोड़ा गया तो पहले से खराब जॉइंट ने बड़ा रूप ले लिया और लीकेज से भारी तबाही मच गई। घटना से आक्रोशित किसानों ने विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए क्षतिपूर्ति और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।