टीकमगढ़

गर्मियों में पानी, तो सर्दियों में गर्म कपड़ों से मदद करती है समिति

टीकमगढ़. शहर में सेवा का काम करने वाली मानवीय संवदेना समिति पिछले 17 सालों से लगातार जरूरतमंदों की सेवा में लगी हुई है। समिति का सर्दियों में हर गरीब को गर्म कपड़े उपलब्ध कराना तो गर्मियों में राहगीरों की प्यास बुझाने के साथ ही अन्य लोगों की मदद का सिलसिला अनवरत जारी बना हुआ है। साथ ही समिति ने तीन निराश्रित बच्चों को भी गोद लिया। समिति के इन कामों में समाज के लोग भी समय-समय पर मदद करने को आगे आते रहते हैं।

2 min read
Mar 19, 2025
टीकमगढ़. जरूरतमंद के घर शादी का सामान पहुंचाते समिति के सदस्य।

17 सालों से चल रहा जरूरतमंदों की सेवा का सिलसिला, तीन बच्चों को भी लिया गोद

टीकमगढ़. शहर में सेवा का काम करने वाली मानवीय संवदेना समिति पिछले 17 सालों से लगातार जरूरतमंदों की सेवा में लगी हुई है। समिति का सर्दियों में हर गरीब को गर्म कपड़े उपलब्ध कराना तो गर्मियों में राहगीरों की प्यास बुझाने के साथ ही अन्य लोगों की मदद का सिलसिला अनवरत जारी बना हुआ है। साथ ही समिति ने तीन निराश्रित बच्चों को भी गोद लिया। समिति के इन कामों में समाज के लोग भी समय-समय पर मदद करने को आगे आते रहते हैं।

शहर की मानवीय संवेदना समिति द्वारा वर्ष 2007 में मानव सेवा का प्रकल्प शुरू किया गया था। सेवा का यह प्रकल्प पिछले 17 सालों से लगातार जारी है। समिति के अध्यक्ष मनीराम कठैल बताते हैं कि समाज में जरूरतमंदों की मदद के लिए शुरू किए गए इन कामों से लगातार लोग जुड़ रहे हैं और सेवा का सिलसिला जारी बना हुआ है। उनका कहना है कि हर साल पेयजल के लिए बस स्टैंड पर प्याऊ का संचालन करने के लिए 60 से 70 हजार रुपए का खर्च आता है। तो सर्दियों के दिनों में कंबल वितरण के लिए भी इतना ही खर्च आता है। इस नेक काम को देखते हुए लोग भी आगे आते है और मदद करते है। शुरूआत करने पर समिति के सदस्य अपनी ओर से कुछ संग्रहण कर काम शुरू कर देते है। उनका कहना था कि समिति का काम देखकर लोगों का भरोसा है कि उनके द्वारा की गई मदद सही जगह उपयोग होती है। ऐसे में समिति को कभी आर्थिक परेशाीन का सामना नहीं करना पड़ता है।

बच्चों को करा रहे पढ़ाई की व्यवस्था

स मिति के द्वारा तीन बच्चों को भी गोद लिया है। मनीराम कठैल ने बताया कि ग्राम माडूमर में एक बच्ची, मदारछल्ला में एक बच्चे एवं मंडी के पीछे एक बच्ची को समिति ने गोद लिया है। इनकी पढ़ाई लिखाई की पूरी व्यवस्था समिति द्वारा की जाती है। साथ ही समिति द्वारा साल में तीन पर्व पर इन बच्चों को कपड़ों के साथ ही अन्य सामान दिया जाता है। इसके लिए समाज के कुछ लोग हर पर्व पर मदद करते हैं और बच्चों तक सामान पहुंचाया जाता है। इसके साथ ही समिति द्वारा अन्य जरूरतमंदों को भी मदद की जा रही है।

Published on:
19 Mar 2025 05:36 pm
Also Read
View All

अगली खबर