टीकमगढ़ शहर के जेल रोड क्षेत्र में स्थित वर्षों पुराने सरकारी बंगले देखरेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच चुके है। हालत यह है कि इन भवनों की खिड़कियां, दीवारें और छतें खंडहर होती जा रही है। खाली पड़े इन बंगलों में अब असामाजिक तत्वों और नशेडियों की गतिविधियां बढऩे लगी है। जिससे […]
टीकमगढ़ शहर के जेल रोड क्षेत्र में स्थित वर्षों पुराने सरकारी बंगले देखरेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच चुके है। हालत यह है कि इन भवनों की खिड़कियां, दीवारें और छतें खंडहर होती जा रही है। खाली पड़े इन बंगलों में अब असामाजिक तत्वों और नशेडियों की गतिविधियां बढऩे लगी है। जिससे आसपास की कॉलोनियों में भय का माहौल बन गया है।
जानकारी के अनुसार जेल रोड डाकघर के पास पीएचई विभाग सहित एक अन्य विभाग के सरकारी बंगले लंबे समय से खाली पड़े है। इनमें से एक बंगले की दीवार तोड़ दी गई है, जबकि दूसरे पर गेट लगाकर कबाड़ रखा हुआ है। इसी तरह कलेक्टर बंगले के पास, कन्या कॉलेज के सामने नाले के समीप स्थित वरिष्ठ अधिकारियों का बंगला भी धीरे धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है।
ये बंगले कभी वरिष्ठ अधिकारियों के आवास के रूप में उपयोग में थे, लेकिन रखरखाव न होने के कारण अब इनका अस्तित्व समाप्ति की ओर है। रात के समय इन बंगलों के आसपास असामाजिक तत्वों की आवाजाही देखी जाती है। हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदार विभाग की स्पष्ट जानकारी भी लोगों को नहीं मिल पा रही है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि जब से शहर की कॉलोनियों में प्लॉटों के दाम आसमान छूने लगे है, तब से संबंधित बोर्ड और विभागों ने इन पुराने भवनों की ओर ध्यान देना बंद कर दिया है।
कॉलोनीवासियों ने मांग की है कि जर्जर हो चुके इन सरकारी बंगलों को तत्काल गिराया जाए, ताकि असामाजिक तत्वों और नशेडियों को छिपने का ठिकाना न मिल सके। साथ ही खाली होने वाले स्थल पर फिर से नए भवन निर्माण कर एरिया को विकसित किया जाए। इससे न सिर्फ क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि कॉलोनी की दशा और दिशा भी पूरी तरह बदल सकती है।
जिले में कई विभाग ऐसे है जो निजी मकानों में कार्यालय लगा रहे है। इन जीर्ण शीर्ण भवनों को तोडक़र नए भवन निर्माण किए जाए। जिससे शहर को सुंदर बनाया जा सके।
अस्पताल से लेकर आंबेडकर का रोड का एरिया सबसे अच्छा है। इस रोड पर वर्षों पुराने जीर्ण शीर्ण संबंधित विभागों के बंगलों को तोडक़र नया निर्माण कराया जाए।