टीकमगढ़. सालों बाद प्रशासन और नगर पालिका ने बंडा नाला नहर की सुध ली है। बुधवार को नगर पालिका अमले ने इस नहर की सफाई शुरू कर दी है। बारिश के पूर्व इस पूरी नहर को साफ करने के साथ ही इसकी मरम्मत की जाएगी। इसके बाद महेंद्र सागर तालाब का पानी एक बार फिर […]
टीकमगढ़. सालों बाद प्रशासन और नगर पालिका ने बंडा नाला नहर की सुध ली है। बुधवार को नगर पालिका अमले ने इस नहर की सफाई शुरू कर दी है। बारिश के पूर्व इस पूरी नहर को साफ करने के साथ ही इसकी मरम्मत की जाएगी। इसके बाद महेंद्र सागर तालाब का पानी एक बार फिर से इस नहर से वृंदावन तालाब तक पहुंचना शुरू हो जाएगा। विदित हो कि बंडा नहर की दुर्दशा को लेकर पत्रिका ने 19 अप्रेल को खबर का प्रकाशन किया था।
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत इस बार प्रशासन प्राचीन जलस्रोतों को सहेजने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करता दिखाई दे रहा है। ऐसे में प्रशासन ने इस बार नगरीय क्षेत्र में बंडा नाला नहर के साथ ही प्राचीन बावड़ियों को संरक्षित करने की दिशा में काम शुरू किया है। यह अभियान बुधवार से शुरू कर दिया गया। सुबह से बंडा नाला नहर पर पहुंचे अमले ने यहां पर सफाई शुरू कर दी है।
सुबह से चले काम के बाद दोपहर 12 बजे यहां पर पहुंंचे कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय ने इस काम का निरीक्षण किया। उन्होंने सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया को निर्देश दिए कि बारिश के पूर्व यह पूरा नाला साफ होना चाहिए। साथ ही उन्होंने अतिक्रमण को हटाने एवं इसमें डाले जाने वाले कचरे को बंद कराने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि बारिश के पूर्व यह पूरा काम किया जाएगा और इस बार प्रयास रहे कि महेंद्र सागर तालाब से जुड़े चारों तालाब पूरे फुल हो जाए।
इस नाला का निरीक्षण करने पहुंचे सीएमओ ओमपाल सिंह को यहां पर दो-तीन जगहों पर बड़े सपाट पत्थर दिखाई दिए। इन पत्थरों के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि यहां पर पहले लोग इस नहर में नहाया करते थे। उन्हें वर्तमान की स्थिति देखकर यकीन नहीं हो रहा था कि इस नहर का पानी भी इतना साफ होता था। ऐसे में उनका कहना था कि पूरा प्रयास किया जाएगा कि नहर को पहले की तरह स्वच्छ बनाया जा सके।