खादी ग्रामोद्योग की पुलिया के पास।
पानी से भरे गड्ढे की गहराई का नहीं होता अंदाजा, नपा ने गड्ढों को भरने नहीं किया प्रयास
टीकमगढ़. आंबेडकर से नया बस स्टैंड और बस स्टैंड के अंदर की सडक़ गड्ढों में दिखाई देने लगी हैं। दो बारिश में पानी से भरे गड्ढों में वाहन चालक गिरकर चौटिल हुए और नगरपालिका पर आक्रोशित होकर उसे कोसा, लेकिन नपा ने उन्हें भरने का प्रयास नहीं किया। अब आगामी दिनों में बारिश लगातार होने वाली है और सभी गड्ढों में पानी भर जाएगा। वहीं जो सडक़ बाकी है वह भी गड्ढों में तब्दील हाने वाली है।
आवाजाही में लोगों को हो रही दिक्कत, सडक़ ऊबड खाबड़ के कारण यातायात में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वाहनो की निरंतर आवाजाही के कारण आसपास दुर्घटना की स्थिति निर्मित हो रही हैं, यदि इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया तो पानी से भरे गड्ढों में कोई न कोई दुर्घटना जरूर ही हो सकती है। रात्रि में तो इस सडक़ पर चलना मुश्किल हो जाता है। सडक़ टूटने से निकली गिट्टी टायरों के दबाव से गोली की तरह लग रही हैं। जिसके चलते लोगों को यहां से पैदल चलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खादी ग्रामोद्योग के सामने पानी की सप्लाई का चैंबर बना हुआ है, इस चैंबर से निकलने वाले पानी से गड्ढे तालाब की तरह बन जाते हैं।
गड्ढे में गिरा बाइक सवार
नया बस स्टैंड से लखौरा तिराहा के बीच कृषि विभाग के सामने बने गड्ढे में वाहन चालक गिर गया। बारिश की वजह से उन गड्ढे और गहरे हो गए हैं। अब वहीं गड्ढे खाली हो गए हैं। बारिश का पानी भरने से गड्ढों मेंं दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ जाएगी। वाहन चालक के साथ उसके बच्चे भी थे। ऐसी स्थिति में यदि कोई वाहन पीछे से या सामने से आता तो गंभीर दुर्घटना हो सकती थी।
ब्रेकर के पास बने गड्ढे
वहां हजारों लोग प्रतिदिन इसी मार्ग से आते जाते हैं। लगातार बेमौसम वर्षा से इस सडक़ के गड्ढों और स्पीड ब्रेकर के पास पानी जमा हो जाता हैं, इससे लोग परेशान हो रहे हैं। लखौरा तिराहा के सामने बने अमानक स्पीड ब्रेकर पर आकर छोटे स्विमिंग पूल का रूप लेकर जमा हो जाता है। इससे इधर से उधर आने व जाने वाले लोगों को भारी असुविधा होती है।
गड्ढो में पानी भरने के बाद गहरे की नहीं होती जानकारी
बारिश में पानी भरने के बाद पता नहीं चल रहा कि कितना बड़ा गड्ढा है। पैदल चलने वाले भी इस समस्या में फंस जाते हैं। लोग सडक़ किनारे पैदल भी नहीं चल पा रहे हंै। जो चल रहे है तो गड्ढों के कीचड़ से बचकर चल रहे है। हालत ये हैं कि इस सडक़ पर कदम कदम पर गहरे गड्ढे बने हुए हैं। जिसके कारण न केवल वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं बल्कि सडक़ दुर्घटना होने का अंदेशा भी लगातार वाहन चालकों में बना रहता है।
इनका कहना
शहर की सडक़ पर ऑटो चलाना मुश्किल हो गया हैं। प्रतिदिन टूट फूट हो रही हैं, वहीं ई-रिक्शा पलट रहे हैं। उबड़ खाबड सडक़ सिर दर्द बन गई हैं। बारिश के पानी से गड्ढे भर गए थे। जिसकी गहराई भी समझ नहीं आ रही हैं।
अशोक कुमार नामदेव, ऑटो चालक।
बारिश के पहले सडक़ पर बने गड्ढों को नगरपालिका को भर देना चाहिए, लेकिन उनका इस ओर ध्यान नहीं हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही से ही दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हो रहा हैं।
गजेंद्र सिंह ठाकुर, नया बस स्टैंड रोड टीकमगढ़।
इनका कहना
नया बस स्टैंड वाली सडक़ ज्यादा खराब हो गई हैं। पूरी सडक़ बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया को लिया जाएगा- जिसमें देरी हो जाएगी। उस सडक़ पर जो गहरे गड्ढे है उनमें मुरम डलवाई जाएगी। जिससे बारिश के समय वाहन चालकों के साथ आमजनों को राहत मिलेगी।
गीता मांझी, सीएमओ नगरपालिका टीकमगढ़।