Ram Janki Vivah 2024 :श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव, सजा विवाह का मंडप, भगवान को चढ़ाई गई हल्दी-तेल, निवाड़ी कलेक्टर लोकेश जांगिड ने भगवान के विवाह का मंडप डाल कर खाम लगाई, पत्नी के साथ भगवान के मेर का पूजन भी किया...
Ram Janki Vivah 2024 : हरे बांस मंडप छाए सिया जू खो राम ब्याहन आए, बन्ना खो चढ़ गओ हरदी तेल, बन्ना मोरो पीरो पर गओ री जैसे बुंदेली विवाह गीतों से गुरुवार को पूरी ओरछा नगरी गूंज उठी, तो यह गीत भगवान राम और माता सीता के विवाह महोत्सव को उल्लास की कई गुना बढ़ा रहे थे। गुरुवार को भगवान के मंडप और हल्दी की रस्म का आलम यह था कि मंदिर में पैर रखने की जगह नहीं थी और श्रद्धालु थे कि अपने राजा के विवाह की हल्दी के रंग में रंग जाने को आतुर बने हुए थे।
राम जानकी विवाह महोत्सव में गुरुवार को भगवान के विवाह के मंडप की रस्म अदा की गई। दोपहर को राजभोग की आरती के बाद पुरोहित और पुजारियों ने यह रस्म अदा की। पुजारियों ने अष्टगंध चंदन और हल्दी से राम का उबटन किया तो यहां अपनी पत्नी के साथ पहुंचे कलेक्टर लोकेश सिंह जांगिड़ ने भगवान के विवाह का मंडप डाल कर खाम लगाई।
उन्होंने अपनी पत्नी के साथ भगवान(Ram Janki Vivah 2024) के मेर का पूजन भी किया। पूजन के बाद बुंदेली रीति के अनुसार कलेक्टर और उनकी पत्नी ने एक-दूसरे को भगवान के उबटन की हल्दी लगाकर इस रस्म को पूरा किया। इसके बाद यही हल्दी श्रद्धालुओं को लगाई गई। अपने राजा के विवाह की हल्दी लगाने हर कोई आतुर था। ऐसे में मंदिर का पूरा आंगन कम पड़ता दिखाई दे रहा था। यहां पर महिलाओं के साथ ही युवतियां नाच-गाकर अपने राजा के विवाह महोत्सव का आनंद मना रही थी।
ओरछा में भगवान राम(Ram Janki Vivah 2024) की पूजा राजा के रूप में होती है तो यहां आने भक्तों का भी उनसे यही रिश्ता है। ऐसे में महिलाएं भी इस पल पर दूल्हा बनने को तैयार हो रहे अपने सरकार से बुंदेली गीत गाकर जमकर विनोद कर रही थी। यह पल सभी को आनंदित करने वाला था। हल्दी लगाने से पीले पड़ने वाली भगवान राम को महिलाएं बन्ना खो चढ़ गओ हल्दी तेल बन्ना मोरो पीरो पर गओ री, गीतकार मजाक कर रही थी तो मंडप के ज्यौनार में भगवान को लगने वाले प्रसाद की पत्तल पर महिलाएं मोरे राम से करो न ररिया, जनकपुर की सखियां जैसे गीत गाकर उन्हें रिझाने का प्रयास कर रही थी।
इस आयोजन में पहली बार पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए यह बिलकुल ही अनूठा और चौंकाने वाला आयोजन था और ही भी क्यों नए क्योंकि भक्त और भगवान की बीच राजा का संबंध भी तो केवल यही देखने को मिलता है।
वहीं मंडप के बाद यहां पर पंगत का आयोजन किया गया। शाम 4 बजे से यहां पर पंगत शुरू हुई तो प्रसाद पाने वालों के साथ ही सेवा करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि तक अपने राजा के विवाह की पंगत में सेवा देने हर कोई आगे आ रहा था। यहां पर प्रशासन द्वारा 60 हजार लोगों के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। यहां पर हर पंगत में बैठने के लिए लगभग 2 हजार लोगों की व्यवस्था की गई थी। मंडप का यह भोज देर रात तक चलता रहा।
श्रीराम-जानकी विवाह के अवसर पर प्रशासन द्वारा कंचना घाट पर एक लाख दीपक जलाएं गए थे। कंचना घाट की सीढ़ियों से लेकर पूरे परिसर में जब यह दीपक जलाए गए तो पूरा कंचना घाट कंचन की तरह जगमगा उठा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि एवं नगर के लोग उपस्थित रहे। सभी ने यहां पर दीप प्रज्ज्वलित कर भगवान के विवाह की खुशियां मनाई।
वहीं आज शुक्रवार को श्रीराम की बारात पूरे राजशी ठाठ से निकाली जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। आज शुक्रवार की शाम 7 बजे मंदिर से भगवान की बारात निकाली जाएगी। दुल्हा सरकार के रूप में पालकी में बैठकर बाहर आने पर भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद बारात पूरे नगर में भ्रमण करेंगी। यहां पर हर घर के बाहर दुल्हा सरकार का टीका किया जाएगा।
आज दुल्हा सरकार को लाल रंग की मखमली पोषाक पहनाई जाएगी। इसके साथ ही वह पूरे आभूषण धारण करेंगे। भगवान की पोषाक बनाने वाले राजेश नामदेव ने बताया कि लाल रंग के मखमल के कपड़े पर गोल्डन कलर से कढ़ाई की गई है साथ ही इस पर गोल्डन कलर का गोटा लगाया गया है। इससे यह पोषाक दूर से ही खिल रही है। उनका कहना था कि दुल्हा सरकार के लिए यह खास कपड़ा मंगाया गया है। यह पोषाक 25 मीटर कपड़े से तैयार की गई है।