टीकमगढ़

मजदूरों को दी 67 पैसे के हिसाब से मजदूरी, जिम्मेदार बोले काम के हिसाब से भुगतान

टीकमगढ़. जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार के अनेक मामले सामने आ चुके हंै। अब अधिकारियों द्वारा अपनी मर्जी से मजदूरी का भुगतान करने का मामला सामने आया है। टीकमगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत भैरा में मजदूरों को महज 67 पैसे प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया गया है। 67 पैसा मजदूरी मिलने से मजदूर परेशान हंै तो जिम्मेदार काम के अनुपात में मजदूरी देने की बात कह रहे हंै।

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Mar 12, 2025
मनरेगा के तहत चल रहे कार्य में इस तरह से खुदाई होना बताया है

मनमर्जी का मनरेगा: सरपंच संघ ने जताई नाराजगी, बोले कमीशन के फेर में अधिकारी कर रहे परेशान

टीकमगढ़. जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार के अनेक मामले सामने आ चुके हंै। अब अधिकारियों द्वारा अपनी मर्जी से मजदूरी का भुगतान करने का मामला सामने आया है। टीकमगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत भैरा में मजदूरों को महज 67 पैसे प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया गया है। 67 पैसा मजदूरी मिलने से मजदूर परेशान हंै तो जिम्मेदार काम के अनुपात में मजदूरी देने की बात कह रहे हंै।

ग्राम पंचायत भैरा में पंचायत द्वारा खखरी (पत्थर गड्डी) का कम कराया जा रहा है। इस कम में 10 मजदूर काम कर रहे थे। इन सभी को 7 दिन में 67 पैसे के हिसाब से कुल 4.69 रुपए प्रति मजदूर के हिसाब से भुगतान किया गया है। यह भुगतान मिलने पर मजदूर परेशान हैं तो सरपंच संघ ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे अधिकारियों की मनमर्जी और कमीशन न मिलने पर जानबूझ कर परेशान करना बताया है। विदित हो कि मनरेगा में मजदूर को एक दिन में 243 रुपए मजदूरी दी जाती है।

इस मामले में अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय सचिव महेंद्र सिंह ने कलेक्टर के साथ ही पंचायत विभाग के सचिव और मनरेगा आयुक्त से शिकायत की है। उनका आरोप है कि जिले में कमीशन के चक्कर में पंचायतों को परेशान किया जा रहा है। कई बार मस्टर जीरो कर दिए जाते हंै। इससे मजदूरों की मजदूरी जाती है तो 100 कार्य दिवस भी पूरे नहीं होते हंै। कमीशन के फेर में कई जरूरी काम भी स्वीकृत नहीं किए जाते है। उनका कहना था कि जिम्मेदार बताए कि 67 पैसे मजदूरी किस अनुपात में दी गई है। उनका कहना था कि यदि ऐसी ही मनमर्जी चलती रही तो सभी पंचायतों में तालाबंदी कर काम बंद किया जाएगा।

अगले मंगलवार से जनसुनवाई भी नहीं होगी। वहीं इस मामले में जिम्मेदार की अलग-अलग कारण बता रहे हैं। वहीं सूत्रों की माने तो इस मामले को अब दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

इनका कहना है

&यह कम उपयंत्री का है। काम के अनुपात में मजदूरी दी गई होगी। यह शिकायत मेरे पास आई है। इसका पता किया जा रहा है।

- आशीष अग्रवाल, सीईओ, जनपद पंचायत, टीकमगढ़।

&पंचायत द्वारा एक ही काम के दो मस्टर डाले गए थे। एक का पहले भुगतान कर दिया। इसमें जीरो करने का प्रावधान नहीं है, ऐसे में शेष बजट के हिसाब से भुगतान किया गया है।

- जगदीश प्रसाद साहू, उपयंत्री, मनरेगा।

&एक कार्य के दो मस्टर लोड नहीं किए जा सकते है। यदि दूसरा मस्टर भी उसी काम का था तो उसे निरस्त किया जाना चाहिए, 67 पैसे के हिसाब से मजदूरी का क्या अर्थ है।

- महेंद्र सिंह, राष्ट्रीय सचिव, अभा. पंचायत परिषद, टीकमगढ़।

Published on:
12 Mar 2025 05:50 pm
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