Bisalpur Dam: बीसलपुर बांध पिछले वर्षों में जुलाई अंत या अगस्त में भरता आया है, लेकिन इस बार जलस्तर मध्य जुलाई में ही 78.44 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। अगर यही स्थिति बनी रही तो अगले कुछ दिनों में बांध के गेट खोले जा सकते हैं।
Bisalpur Dam: जयपुर समेत टोंक, अजमेर और अन्य जिलों की जीवनरेखा माने जाने वाले बीसलपुर बांध में इस बार फिर मानसून ने जान फूंक दी है। लगातार बारिश और जलग्रहण क्षेत्र में बहाव के चलते बीसलपुर बांध का जलस्तर 314.30 मीटर तक पहुंच चुका है। यह इसकी कुल भराव क्षमता 315.50 मीटर का 78.44 प्रतिशत है। यह स्थिति बृहस्पतिवार शाम 5 बजे की माप के अनुसार दर्ज की गई है।
बीते एक महीने में जलस्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। 19 जून तक जहां गेज 312.45 मीटर पर स्थिर बना हुआ था। वहीं 2 जुलाई को भारी वर्षा 70 मिमी के साथ त्रिवेणी में जलप्रवाह बढ़ने लगा।
3 जुलाई से जलस्तर में तेजी से उछाल आया। जब बांध में एक ही दिन में एक टीएमसी से ज्यादा पानी की आवक दर्ज की गई। इसके बाद से लगातार गेज और भराव क्षमता में वृद्धि होती रही।
बीसलपुर में इस वर्ष अब तक कुल 463 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। खास बात यह रही कि 2 से 6 जुलाई के बीच बांध के जलस्तर में रिकॉर्ड तेजी से वृद्धि हुई। त्रिवेणी का गेज एक समय पर 8 मीटर तक भी चला गया था। यह दर्शाता है कि बनास और उसकी सहायक नदियों में भारी आवक हुई।
बीसलपुर बांध पिछले वर्षों में जुलाई अंत या अगस्त में भरता आया है, लेकिन इस बार जलस्तर मध्य जुलाई में ही 78.44 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। अगर यही स्थिति बनी रही तो अगले कुछ दिनों में बांध के गेट खोले जा सकते हैं। वर्ष 2024 में यह गेट अगस्त में खोले गए थे।
जलस्तर में तेजी को देखते हुए टोंक जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग सतर्क हो गया है। त्रिवेणी का गेज 3 मीटर तक आने के बाद जलस्तर और अधिक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में नीचे की ओर बसे 54 गांवों के लिए अलर्ट जारी किया जा सकता है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार यदि त्रिवेणी का बहाव इसी तरह बना रहा और अगले तीन-चार दिन तक बारिश होती रही, तो जलस्तर में तेजी से इजाफा हो सकता है। इससे गेट खोलने का निर्णय भी लेना पड़ सकता है। बीसलपुर बांध न केवल जयपुर, अजमेर, टोंक, दौसा व आस-पास के क्षेत्रों की पीने के पानी की आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है, बल्कि इससे 82 हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई भी की जाती है।