पानी निकासी के तीन नालों पर गांव के ही कुछ प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इसके कारण हर साल बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
एक तरफ सरकार और शिक्षा विभाग बच्चों को ‘ स्कूल चले हम ’ का नारा दे रहा है।तो वहीं विद्यालय के बदतर इंतजाम शिक्षा व्यवस्था पर ग्रहण लगा रहे है। इसका माजरा कस्बे के राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय में देखने को मिला। जहां पर बरसाती पानी से विद्यालय परिसर लबालब भर गया। इससे विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं बच्चों को पानी से होकर अपनी कक्षाओं में पहुंचाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि पानी निकासी के तीन नालों पर गांव के ही कुछ प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इसके कारण हर साल बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। अतिक्रमण हटाने को लेकर कई बार पंचायत और प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों को अवगत करवाया है,लेकिन किसी ने अतिक्रमण हटाने के लिए सकारात्मक कदम नहीं उठाया है।
साथ ही पानी निकासी को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए है। वहीं जलभराव से विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों को परेशानी हो रही है।बरसात के दिनों मे घुटने से ऊपर तक पानी लगने से कपड़े भीग जाते है,जिससे बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों ने नालों से अतिक्रमण हटाने और पानी निकासी करवाने की मांग की है।
क्षतिग्रस्त हो रहा विद्यालय भवन
शिक्षकों ने बताया कि जलभराव होने से विद्यालय भवन में सीलन आ रही है। साथ ही भवन क्षतिग्रस्त होने की कगार पर है।इसके कारण बच्चों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। विद्यालय में 80 बच्चों का नामांकन है।वहीं विद्यालय में चार कमरे और एक रसोई घर बना हुआ है।जलभराव के कारण बच्चों के पोषाहार बनाने में परेशानी हो रही है।
विद्यालय परिसर में बरसाती पानी की निकासी को लेकर समस्या बनी हुई है। जलभराव की समस्या से सरपंच और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया गया है,लेकिन समाधान नहीं हो पाया है।
कृष्ण गोपाल विजय, विद्यालय प्रभारी