Bisalpur Dam History: निर्माण के बाद से यह सांतवी बार है जब बीसलपुर बांध अपनी कुल जलभराव क्षमता को पूरा करेगा। जानिए क्या है बीसलपुर बांध का इतिहास और इसकी भराव क्षमता।
राजधानी जयपुर के साथ अजमेर व टोंक जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध का गेज गुरुवार को पूर्ण जलभराव के करीब पहुंच चुका है। संभवत: शुक्रवार को छलकने के बाद पानी की निकासी के लिए गेट खोल दिए जाएंगे। प्रशासन ने इसकी तैयारियां कर ली है। गुरुवार शाम 5 बजे तक बांध का जलस्तर 315.24 आर एल मीटर पहुंचने पर प्रशासन द्वारा सायरन बजाकर बांध के निकटम इलाके में रह रहे लोगों को चेतावनी भी जारी किया चुका है। बांध के निर्माण के बाद से यह सांतवी बार है जब बीसलपुर बांध अपनी कुल जलभराव क्षमता को पूरा करेगा।
बीसलपुर बांध का निर्माण 1996 में हुआ था। इसकी कुल जलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है, जिसमें 38.703 टीएमसी का जलभराव होता है। पूर्ण जलभराव में 21 हजार 300 हेक्टेयर भूमि जलमग्न होती है। बांध में इस वर्ष मानसून सत्र के लगभग 28 टीएमसी से अधिक पानी की आवक दर्ज की जा चुकी है। इसी प्रकार बांध के पूर्ण जलभराव में कुल 68 गांव डूब में आते हैं। जिसमें 25 गांव पूर्णतया डूब जाते हैं। वहीं 43 गांव ढाणी आंशिक तौर पर डूबते हैं। बांध में कुल 18 गेट लगे हुए हैं। जो 15×14 मीटर की साइज के है।
बांध बनने से लेकर अब तक कुल 6 मर्तबा पूर्ण जलभराव होकर छलक चुका है। जिसमें 2004, 2006, 2014, 2016, 2019 व अंतिम बार 2022 में छलका था।