समरावता प्रकरण में पीड़ितों की सुनवाई को लेकर संभागीय आयुक्त महेशचंद्र शर्मा शुक्रवार को सर्किट हाउस टोंक पहुंचे। उन्हें वहां कोई पीड़ित नहीं मिला।
टोंक। समरावता प्रकरण में पीड़ितों की सुनवाई को लेकर संभागीय आयुक्त महेशचंद्र शर्मा शुक्रवार को सर्किट हाउस टोंक पहुंचे। उन्हें वहां कोई पीड़ित नहीं मिला। ना ही कोई ग्रामीण समरावता क्षेत्र से आए। ऐसे में संभागीय आयुक्त अधिकारियों से ही चर्चा कर चले गए। उनके साथ अजमेर पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश वर्मा, जिला कलक्टर डॉ. सौम्या झा, पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान आदि थे। उन्होंने विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दिन देवली-उनियारा सीट पर हुए समरावता प्रकरण को लेकर फीडबैक लिया।
इधर, संभागीय आयुक्त ने कहा कि समरावता प्रकरण को लेकर जो भी व्यक्ति अपना पक्ष रखना चाहते हैं वे निष्पक्ष होकर कह सकते है। उनकी पूरी बात सुनी जाएगी। रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी। इधर, ग्रामीणों का कहना है कि मौसम खराब होने तथा गांव में ही जन सुनवाई करने की मांग को लेकर वे टोंक नहीं आए।
इससे पहले राष्ट्रीय ST आयोग ने समरवता गांव का दौरा कर ग्रामीणों से पूछताछ की। एक-एक कर सभी के बयान भी दर्ज किए। ग्रामीणों से मुलाकात के बाद आयोग के सदस्य ने कहा कि इस हिंसा को रोका जा सकता था। दोनों पक्षों के बीच समन्वय की कमी थी। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण नरेश मीणा की रिहाई के साथ-साथ गांव के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने तथा हिंसा के दौरान गांव के लोगों की संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में आज यानि 17 जनवरी को संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा का पीड़ितों से मिलने और जनसुनवाई करने का कार्यक्रम था, लेकिन ग्रामीण नहीं आए।