Bisalpur Dam: टोंक जिले सहित प्रदेशभर में मानसून की मेहरबानी के चलते बीसलपुर बांध में पानी की आवक लगातार बनी हुई है।
Bisalpur Dam Water Level : टोंक जिले सहित प्रदेशभर में मानसून की मेहरबानी के चलते बीसलपुर बांध में पानी की आवक लगातार बनी हुई है। बीसलपुर बांध में दूसरे दिन भी पानी की बढ़ोतरी हुई है। बीसलपुर बांध में 24 घंटे में 3 सेंटीमीटर पानी बढ़ा है। बांध का गेज रविवार सुबह 6 बजे 313.95 आरएल मीटर दर्ज किया गया है। जिसमें 27.943 टीएमसी का जलभराव था। जबकि शनिवार को 24 घंटे में 2 सेंटीमीटर पानी बढ़ा था।
माना जा रहा है कि बीसलपुर बांध में इसी तरह पानी की आवक जुलाई महीने के अंत तक जारी रही तो इस बार नया रिकॉर्ड बन सकता है। बीसलपुर बांध अब तक सात बार ओवरफ्लो हुआ है और इस बार भी ओवरफ्लो होने की संभावना है। लेकिन, जुलाई में अगर बांध के गेट खुलते हैं तो इतिहास बन जाएगा। क्योंकि बीसलपुर बांध के गेट जुलाई महीने में कभी भी नहीं खुले है।
बीसलपुर बांध परियोजना के एक्सईएन मनीष बंसल के मुताबिक बीसलपुर बांध में रविवार सुबह 6 बजे तक 313.95 आरएल मीटर पानी है। बांध में पानी का 27.943 टीएमसी में भराव हो गया है, जो बांध की कुल भराव क्षमता का 72.20 फीसदी है। वहीं, त्रिवेणी नदी 2.60 मीटर की स्पीड से बह रही है।
बीसलपुर बांध बनने के बाद से लेकर अब तक सबसे बांध क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश 30 जुलाई तक 2022 में 558 एमएम दर्ज की गई थी। वहीं, जुलाई 2013 में 330 एमएम, जुलाई 2015 में 380 एमएम, जुलाई 2024 में 470 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। इस बार 12 जुलाई 2025 तक 343 एमएम दर्ज की जा चुकी है। अभी बारिश का दौर चालू रहने से पूर्व का रिकॉर्ड टूटने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।
बीसलपुर बांध बनने के बाद से अब तक सात बार गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है। हर बार बांध के गेट अगस्त महीने में खोले गए। लेकिन, पिछले साल पहली बार बांध के गेट सितंबर महीने में खोले गए थे। बीसलपुर बांध के गेट पहली बार 18 अगस्त 2004 को खोले गए थे। इसके बाद दूसरी बार 25 अगस्त 2006, तीसरी बार 19 अगस्त 2014, चौथी बार 10 अगस्त 2016,
5वीं बार 19 अगस्त 2019, छठी बार 26 अगस्त 2022 और 7वीं बार 6 सितंबर 2024 को बांध के गेट खोले गए थे।
बता दें कि टोंक जिले में स्थित बीसलपुर बांध का शिलान्यास 1985 में हुआ था और 1987 में निर्माण शुरू हुआ था। बांध 1996 में बनकर तैयार हुआ था और 832 करोड़ रुपए लागत आई थी। बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। बांध के पूरा भरने पर 21 हजार 300 हेक्टेयर जमीन जलमग्न होती है।