आईसीएआई की ओर से सितम्बर में हुई सीए फाइनल का परिणाम सोमवार को जारी हुआ था। कानोड़ की बेटी रीमी कोठारी ने ऑल इंडिया 31वीं और उदयपुर जिले में पहली रैंक हासिल की। यह परिणाम आया, उस समय रीमी के पिता राहुल कोठारी का निधन हो चुका था।
कानोड़ (उदयपुर)। दुखों के पहाड़ के आगे बड़ी सफलता की खुशी पलभर भी नहीं टिक पा रही थी। बेटी पिता के सपनों को साकार कर सफलता की सूची में नाम दर्ज करवा चुकी थी और उस सफलता का इंतजार कर रहे पिता खामोश हो चुके थे। पिता के निधन के चंद मिनटों बाद ही बेटी के सीए फाइनल में सफल होने की खबर मिली थी। सबसे बड़ी खुशी का जश्न मनाने से पहले बेटी पिता के निधन पर मातम कर रही थी। पिता की पार्थिव देह को थामकर बेटी रुंधे कंठ से कह रही थी- 'मैं सीए बन गई… पापा सुन रहे हो ना…'। पिता का हाथ कसकर दबाती बेटी उनकी आवाज सुनने का इंतजार कर रही थी।
दरअसल, आईसीएआई की ओर से सितम्बर में हुई सीए फाइनल का परिणाम सोमवार को जारी हुआ था। कानोड़ की बेटी रीमी कोठारी ने ऑल इंडिया 31वीं और उदयपुर जिले में पहली रैंक हासिल की। यह परिणाम आया, उस समय रीमी के पिता राहुल कोठारी का निधन हो चुका था।
एक ओर रीमी के पिता के निधन से अनजान परिचित और दोस्त बधाई के मैसेज भेज रहे थे। उसके सहपाठी और इंस्टीट्यूट में भी रीमी की सफलता पर मिठाइयां बंट रही थी। तो दूसरी ओर रीमी पिता के निधन पर बेहाल थी। पिता को अंतिम विदाई देते वक्त भी रीमी एक ही बात कह रही थी- 'पापा आप चाहते थे मैं सीए बनूं, कैसे बताऊं कि मैं सीए बन गई…।' इस विकट घड़ी में रीमी को थामने वाले कई थे, लेकिन बेटी की पीठ थपथपाने, उसका सिर चूमने वाले पिता नहीं थे।
पूर्व प्रधान करणसिंह कोठारी के भतीजे युवा व्यवसायी राहुल कोठारी पुत्र मनोज कोठारी की हार्ट अटैक से मौत की खबर ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया। पूरे शहर में शोक का माहौल था। राहुल कोठारी की पत्नी पिंकी सहित परिवार इस वज्रपात को स्वीकार नहीं पा रहे। विधायक उदयलाल डांगी, पूर्व विधायक प्रीति शक्तावत भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।