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जयपुर हादसा: घर से उठी तीन अर्थियां, एक ही चिता पर दो भाइयों का अंतिम संस्कार, बदहवास पिता बोले-हे भगवान हमें भी उठा ले

जयपुर में हुए दर्दनाक हादसे में अजीतगढ़ थाना क्षेत्र के सीपुर गांव के दो सगे भाई महेंद्र और दशरथ बुनकर और दशरथ की छोटी बेटी भानु की मौके पर ही मौत हो गई।

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सीकर

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kamlesh sharma

Nov 04, 2025

फोटो पत्रिका

अजीतगढ़ (सीकर)। जयपुर के हरमाड़ा थाना क्षेत्र की लोहा मंडी में हुए दर्दनाक हादसे में अजीतगढ़ थाना क्षेत्र के सीपुर गांव के दो सगे भाई महेंद्र और दशरथ बुनकर और दशरथ की छोटी बेटी भानु की मौके पर ही मौत हो गई। बड़ी बेटी वर्षा गंभीर रूप से घायल है और जयपुर के एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है।

तीन अर्थियां और गांव में छाया सन्नाटा

मंगलवार सुबह जब दो एंबुलेंस में तीनों शव सीपुर पहुंचे, तो गांव में मातम छा गया। घर के बाहर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। रोने-बिलखने की आवाजों से माहौल गमगीन हो गया। बुजुर्ग पिता भागीरथ और मां गीतदेवी, दोनों बहुएं माया और सुमन और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। पिता भागीरथ बार-बार यह कर रहे थे-'हमारे बुढ़ापे का सहारा चला गया…हे भगवान हमें भी उठा ले'।

दोनों भाइयों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार

परिजनों ने बताया कि दोनों भाइयों का एक साथ विवाह हुआ था। जयपुर के बेनाड रोड पर एक साथ मकान बनाया और मजदूरी कर परिवार को चला रहे थे। दशरथ की दोनों बेटियां दीपावली की छुट्टियों में चाचा-चाची के पास जयपुर गई थीं। सोमवार को जब वे गांव लौट रहे थे, तभी तेज रफ्तार डंपर ने उन्हें कुचल दिया। मंगलवार को त्रिवेणी श्मशान घाट पर दोनों भाइयों का एक ही चिता पर और छोटी बेटी भानु का दूसरी चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।

गरीबी और गम के साये में टूटा परिवार

परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। पिता भागीरथ वृद्धावस्था में है, खेती-बाड़ी भी नहीं है। महेंद्र और दशरथ मजदूरी से ही परिवार पाल रहे थे। लोगों ने पंचायत समिति प्रधान शंकर लाल यादव से पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है।