Rajasthan News : कोरोनाकाल के दौरान जनवरी 2020 से डेढ़ साल तक प्रदेश के 4.92 लाख पेंशनर्स का महंगाई भत्ता रोका गया था। कोरोनाकाल को दो साल हो गए, लेकिन पेंशनर्स को महंगाई भत्ता अब तक नहीं मिला है।
पंकज वैष्णव। कोरोनाकाल के दौरान जनवरी 2020 से डेढ़ साल तक प्रदेश के 4.92 लाख पेंशनर्स का महंगाई भत्ता रोका गया था। कोरोनाकाल को दो साल हो गए, लेकिन पेंशनर्स को महंगाई भत्ता अब तक नहीं मिला है। प्रदेश में दिसंबर-2022 तक 4.92 लाख पेंशनर्स थे, जिनका महंगाई भत्ता रोक दिया गया।
प्रति पेंशनर कम से कम 30 हजार और अधिकतम करीब एक लाख रुपए राशि रोकी गई। इस लिहाज से राजस्थान के लाखों पेंशनर्स की करोड़ों की राशि सरकार के खाते से पेंशनर तक नहीं पहुंच पाई। इसकी मांग महीनों से की जा रही है, लेकिन सरकार की ओर से नजरअंदाज किया जाता रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अनदेखा किया, वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार ने अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया। गौरतलब है कि पेंशनर्स और कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता हर 6 माह में बढ़ाने का नियम है।
राज्य सरकार ने पांचवें वेतन आयोग वाले कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए 16 प्रतिशत तथा छठे वेतन आयोग वाले कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिसका लाभ वेतन में एक अप्रेल से, पेंशन में एक जनवरी से मिलने लगा है। पांचवें वेतन आयोग वाले कर्मचारियों व पेंशनरों के डीए अब 427 से बढ़कर 443 प्रतिशत तथा छठे वेतन आयोग वाले कर्मचारियों व पेंशनरों का डीए 230 से बढ़कर 239 प्रतिशत हो गया है।
कोरोनाकाल में एक ओर भत्ता रोका गया, वहीं दूसरी ओर इस दौरान कई पेंशनर दिवंगत हो गए। ऐसे में अधिकांश पेंशनर्स के परिजनों को पता भी नहीं है कि उनके दिवंगत पेंशनर के नाम का एरियर मिलना बाकी है।
जानकारी के अनुसार रुका हुआ महंगाई भत्ता पाने के लिए पेंशनर्स ने प्रदेशभर से हजारों ज्ञापन सरकार तक पहुंचाए, लेकिन इस और ध्यान नहीं दिया गया। पिछले करीब 10 माह से चुनावी गतिविधियों में व्यस्तता का बहाना बनाया जाता रहा। महंगाई भत्ता रुका होने की स्थिति सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, बल्कि देशभर में है, जिसका समाधान नहीं किया जा सका।
पेंशनर्स और वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ी परेशानियों को लेकर वित्त मंत्री को पत्र भेजा है। बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधा प्रदान करने के संबंध में बातें लिखी हैं, जिसमें रोका गया महंगाई भत्ता और रेल यात्रा में बुजुर्गों को छूट का मामला भी है। केंद्र सरकार से नए वेतन आयोग का गठन किए जाने की मांग भी रखी है। वर्तमान में वरिष्ठ नागरिकों को देय सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रतिमाह 5 हजार किए जाने की जरूरत है।
- भंवर सेठ, प्रदेशाध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक संस्थान
कोरोनाकाल के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में मिलने वाली छूट बंद कर दी गई थी, जो अब तक शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में इन्हें रेलवे कंसेशन को फिर शुरू करने का इंतजार है। वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि यदि छूट मिले तो फायदा हो।