कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी वित्त नियंत्रक सीमा यादव से मिले तो उन्होंने वित्तीय स्वीकृति जारी करने से इनकार कर दिया
मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय में स्ववित्त पोषित योजना के तहत लगे कर्मचारियों का वेतन भुगतान एक बार फिर अटक सकता है। कारण कि इनसे नवंबर माह में काम लिए जाने को लेकर वित्तीय स्वीकृति अब तक जारी नहीं हुई है। नियमानुसार बगैर वित्तीय स्वीकृति के कर्मचारियों से काम नहीं लिया जा सकता। लेकिन पिछले कई माह िस्थति यह बनी हुई है कि कर्मचारियों से बगैर आदेश काम लिया जा रहा है और हड़ताल एवं धरने प्रदर्शन के बाद उनका भुगतान जारी किया जाता है।पिछले दिनों भी 16 अगस्त से 6 सितम्बर तक कर्मचारियों की हड़ताल के बाद उनका अगस्त माह का भुगतान किया गया और दिसम्बर माह तक की प्रशासनिक स्वीकृति भी जारी हो गई। लेकिन वित्तीय स्वीकृति अक्टूबर तक की ही निकाली गई। ऐसे में एसएफएबी (स्ववित्त पोषित सलाहकार मंडल) योजना में लगे 327 कर्मचारियों के नवंबर व दिसम्बर माह का वेतन भुगतान फिर अटकने की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में गत दिनों कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी वित्त नियंत्रक सीमा यादव से मिले तो उन्होंने वित्तीय स्वीकृति जारी करने से इनकार कर दिया। हालांकि कर्मचारियों ने बाद में कुलपति प्रो. सुनिता मिश्रा से भी मुलाकात की। जिन्होंने भुगतान का आश्वासन दिया है।
विश्वविद्यालय में एसएफएबी की ओर से लगे कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अब भी असमंजस बरकार है। राज्य सरकार की ओर से पूर्व में कर्मचारियों की भर्ती आरटीपीपी नियम 2013 के तहत करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन विश्वविद्यालय में ये नियम अमल में नहीं आ सके। गत दिनों हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के तहत उनकी नियुक्ति की मांग की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन अब तक यह फैसला नहीं कर पाया है कि कर्मचारियों को किन नियमों के तहत भर्ती करना है। गत दिनों राज्य सरकार की ओर से भी विश्वविद्यालय की ओर से टिप्पणी चाही गई थी, लेकिन इसका भी विश्वविद्यालय की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।
विश्वविद्यालय में कुल साढे पांच सौ कर्मचारियों में से 327 एसएफएबी के तहत लगे हुए हैं। अगस्त माह में भी इनकी हड़ताल से विश्वविद्यालय की ज्यादातर व्यवस्थाएं ठप हो गई थी। जिसके बाद कुलपति की अध्यक्षता में हुई एसएफएबी की बैठक हुई। जिसमें आगे के लिए एसएफएबी की व्यवस्था समाप्त कर राज्य के संविदा नियमों के तहत नियुक्ति प्रक्रिया अपनाने पर सहमति बनी। इस प्रक्रिया में चार पांच माह का समय लगने की संभावना के चलते दिसम्बर तक कर्मचारियों का वेतन भुगतान मौजूदा व्यवस्था के तहत करने की सहमति बनी थी। लेकिन वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं होने से फिर वेतन भुगतान अटकने की संभावना बनी हुई है।
पिछले दिनों कर्मचारियों की हड़ताल के बाद कुलपति की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिसम्बर तक सेवाएं जारी रखने का फैसला किया गया था। जिसके तहत दिसम्बर माह तक भुगतान की प्रशासनिक स्वीकृति जारी हो गई थी। नवम्बर की वित्तीय स्वीकृति के बारे में जानकारी नहीं है। पता करके समाधान के प्रयास किए जाएंगे।
- प्रो. बी.एल. वर्मा, सदस्य सचिव, स्ववित्त पोषित सलाहकार मंडल, मोसुविवि, उदयपुर
नवम्बर माह की वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं होने पर वित्त नियंत्रक से मिले थे। जिन्होंने आदेश जारी करने से मना कर दिया। इसके बाद हम कुलपति से भी मिले। उन्हीं के आश्वासन पर कार्य कर रहे हैं।
- नारायण लाल सालवी, अध्यक्ष, मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय कर्मचारी संगठन