मानसून 25 जून से सक्रिय हुआ है लेकिन, अब तक उदयपुर में जिस तेज मानसून की बरसात की उम्मीद की जा रही थी, वह नहीं हुई है। शहर में खंड बारिश का ही दौर चल रहा है। अच्छी बारिश ना होने शहर की झीलों व जलाशयों में अब तक पानी की आवक शुरू नहीं हो […]
मानसून 25 जून से सक्रिय हुआ है लेकिन, अब तक उदयपुर में जिस तेज मानसून की बरसात की उम्मीद की जा रही थी, वह नहीं हुई है। शहर में खंड बारिश का ही दौर चल रहा है। अच्छी बारिश ना होने शहर की झीलों व जलाशयों में अब तक पानी की आवक शुरू नहीं हो पाई है।
मौसमविद प्रो. नरपतसिंह राठौड़ के अनुसार, इस बार मानसून का मेवाड़ के रास्ते राजस्थान मे प्रवेश हुआ था। मेवाड़ में पहला दौर 24 -25 जून और दूसरा दौर 5 जुलाई से शुरू हुआ। ये दोनों दौर कमजोर रहे। मानसून का तीसरा दौर 15 जुलाई से शुरू हुआ जो खंड वर्षा रूप में सक्रिय है। अब तक मेवाड़ में मानसून के तीनों दौर कमजोर रहे हैं। मेवाड़ में मानसून के दस दौर आते हैं। इस बार मेवाड़ वागड़ सहित इससे लगे क्षेत्र मध्य प्रदेश के उतरी पश्चिमी तथा गुजरात के उत्तरी पूर्वी क्षेत्रों में पूर्ण रूप से सक्रिय नहीं हुआ जिससे यहां के तालाबों, बांधों और जलाशयों में पानी की आवक अभी तक नहीं हुई है।
इस बार राजस्थान के दक्षिणी,दक्षिणी पश्चिमी और पश्चिमी में मानसून की कमी का सबसे बड़े दो कारण रहे हैं, पहला बंगाल की खाड़ी की शाखा और अरब सागरीय शाखा का मध्य भारत में मिलन नहीं होना है। इससे बरसात कमजोर एवं खण्ड हुई है। वहीं, दूसरा कारण बंगाल की खाड़ी की शाखा मानसून का उत्तर पूर्व और अरब सागरीय शाखा का पश्चिमी व उत्तर पश्चिम की ओर ज्यादा सक्रियता से इस क्षेत्रों में बरसात होना है लेकिन अगले सप्ताह से चौथे दौर में अच्छी बरसात होने की उम्मीद है।