होटलों का लाइसेंस अब 10 साल के लिए मान्य होगा। लाइसेंस की फीस एकमुश्त जमा कराने वाले होटल मालिकों को 20 फीसदी रियायत भी मिलेगी।
उदयपुर: होटलों के लाइसेंस नवीनीकरण की अवधि को लेकर महीनों से चल रहा असमंजस दूर हो गया। स्वायत्त शासन विभाग ने एक आदेश जारी कर साल 2017 के लाइसेंस नवीनीकरण के नियमों को ही यथावत रखा है।
इसके तहत होटलों का लाइसेंस अब 10 साल के लिए मान्य होगा। लाइसेंस की फीस एकमुश्त जमा कराने वाले होटल मालिकों को 20 फीसदी रियायत भी मिलेगी। स्वायत्त शासन विभाग की हरी झंडी मिलने के बाद शहर की 400 से ज्यादा होटलों को राहत मिली है।
राज्य सरकार ने साल 2015 में होटल लाइसेंस नवीनीकरण की अवधि 10 वर्ष करने की स्वीकृति जारी की। इस आदेश के बाद नगर निगम उदयपुर ने लाइसेंस नवीनीकरण की इसी अवधि का अनुमत किया। 2017 में शुल्क वृद्धि के साथ एकमुश्त जमा कराने पर 20 प्रतिशत की छूट का प्रावधान भी लागू किया। यह प्रक्रिया 2024 तक रही।
इन्हीं नियमों को आगे भी जारी रखने पर 31 दिसंबर 2024 को नगर निगम ने स्वायत्त शासन विभाग से मार्गदर्शन मांगा। विभाग के स्पष्ट आदेश नहीं मिलने से लाइसेंस नवीनीकरण का काम अटका था। इससे होटल व्यवसायियों में असमंजस की स्थिति बनी।
होटल संस्थान दक्षिणी राजस्थान के अध्यक्ष सुभाष सिंह राणावत एवं सचिव राकेश चौधरी ने सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि लाइसेंस नवीनीकरण की अवधि 10 साल यथावत रखने और 20 फीसदी छूट देने की मांग को लेकर उन्होंने जयपुर में प्रमुख शासन सचिव एवं निदेशक स्थानीय निकाय विभाग से मुलाकात की थी। उन्होंने प्रमुख शासन सचिव होटल व्यवसायियों की परेशानी से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इससे बार-बार आफिसों के चक्कर नहीं काटने पडे़ंगे।
पिछले नौ महीने से होटलों के लाइसेंस की प्रक्रिया अटकी थी। होटल व्यवसायी नगर निगम के चक्कर लगा रहे थे, पर निगम उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन का हवाला देकर प्रक्रिया को टाल रहा था। होटल मालिकों ने स्वायत्त शासन विभाग और राज्य सरकार तक अपनी मांग पहुंचाई। नौ महीने बाद अब होटल मालिकों को राहत मिली है, जबकि अन्य शहरों में यही नियम लागू थे।
-7 स्टार 1.50 लाख
-5 स्टार 1 लाख
-4 स्टार 75 हजार
-3 स्टार 50 हजार
-2 स्टार 25 हजार
-3 स्टार 15 हजार