Udaipur District Administration Decision : उदयपुर जिला प्रशासन का कड़ा फैसला। उदयपुर में झीलों के बीच नावों का इस्तेमाल अब सिर्फ आवागमन के लिए हो सकेगा।
Udaipur District Administration Decision : उदयपुर में झीलों के बीच नावों का इस्तेमाल सिर्फ आवागमन के लिए हो सकेगा, वहीं अन्य किसी तरह की गतिविधियों की अनुमति नहीं है। अब तक एक होटल की नाव में जलपान, स्पा और भ्रमण की परमिशन दी हुई थी, जिसे जिला प्रशासन ने खत्म कर दी। अब किसी भी होटल संचालक के पास नावों में आवागमन के अलावा गतिविधियों की अनुमति नहीं रहेगी। यह निर्णय जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया।
बैठक कलक्टर अरविंद पोसवाल की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट मिनी सभागार में हुई। इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश ने बैठक के एजेण्डा बिन्दुओं पर चर्चा की। उदयपुर शहर के आसपास नई झीलों के विकास प्रस्ताव को लेकर विचार-विमर्श हुआ। कलक्टर ने अधिशाषी अभियंता स्तर की कमेटी बनाकर वैकल्पिक रूप से चिह्नित जल स्रोतों का अवलोकन कर मौका रिपोर्ट तैयार कराने के निर्देश दिए। कमेटी में नगर निगम, यूडीए, जल संसाधन विभाग, परिवहन विभाग के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
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बैठक में होटलों की ओर से संचालित नावों पर आवागमन के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों की शिकायतों पर भी चर्चा की गई। इस पर सर्वसम्मति से होटलों की ओर से संचालित नावों का उपयोग सिर्फ मेहमानों को होटल तक लाने-ले जाने में किए जाने की स्वीकृति देने का निर्णय लिया। साथ ही यदि पूर्व में किसी भी होटल को उक्त नावों पर अन्य गतिविधियों के लिए अनुमति किया गया हो तो उन्हें भी आगामी वित्तीय वर्षों के लिए अनुबंध नवीनीकरण में ऐसी किसी भी अन्य गतिविधि के लिए अनुमति देने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में झील संरक्षण एवं विकास से जुड़े अन्य बिन्दुओं पर भी चर्चा की गई।
बैठक में झीलों में होटलों द्वारा संचालित नावों के अनुबंध नवीनीकरण पर भी चर्चा की गई। साथ ही अनुज्ञा शुल्क दरों में वित्तीय वर्ष 2023-24 में ली गई राशि पर 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने तथा प्रतिवर्ष 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में उपनिदेशक पर्यटन शिखा सक्सेना, जिला परिवहन अधिकारी अनिल सोनी, उपनिदेशक मत्स्य अखिल अहमद, नगर निगम के अधिशासी अभियंता लखनलाल बैरवा, अधिशाषी अभियंता जल संसाधन दिलीपसिंह, अधिशाषी अभियंता आरयुआईडीपी महेंद्र समदानी, अधिशाषी अधियंता यूडीए निर्मल सुथार, सहायक अभियंता यूडीए आशीष कुमावत मौजूद थे।
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