Udaipur Lawyer Police Clash: वकीलों ने नाई थाने के हेड कांस्टेबल पवन यादव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद पुलिस प्रशासन को झुकना पड़ा और हेड कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया।
Udaipur News: जोधपुर में वकील और पुलिस के बीच हुए विवाद के बाद उदयपुर में भी इसी तरह का विवाद देखने को मिला है। मंगलवार को कोर्ट में हंगामा हुआ और इसका खामियाजा पुलिसकर्मी को चुकाना पड़ा। वकील का आरोप था कि जब वे थाने में रिपोर्ट देने गए थे, तब पुलिसकर्मी ने उन्हें चांटा मारा और धक्का देकर निकाला दिया। मामला उदयपुर के नाई थाना का है। हांलाकि इसके बाद पुलिसकर्मी के खिलाफ एसपी ने सख्त एक्शन लिया। वकीलों ने नाई थाने के हेड कांस्टेबल पवन यादव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद पुलिस प्रशासन को झुकना पड़ा और हेड कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया।
यह घटना मंगलवार दोपहर उदयपुर कोर्ट परिसर में हुई। वकीलों का गुस्सा हेड कांस्टेबल पवन यादव द्वारा एडवोकेट धर्मेंद्र धाबाई से की गई कथित मारपीट को लेकर था। डीएसपी गोपाल चंदेल की गाड़ी के सामने खड़े होकर वकीलों ने करीब एक घंटे तक जमकर नारेबाजी की और हेड कांस्टेबल पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, डीएसपी ने तुरंत एसपी योगेश गोयल को पूरे मामले से अवगत कराया। पुलिस प्रशासन पर बढ़ते दबाव के बाद, हेड कांस्टेबल पवन यादव को लाइन हाजिर करने का आदेश जारी किया गया। डीएसपी ने अपने मोबाइल फोन पर यह आदेश वकीलों को दिखाया, जिसके बाद ही माहौल शांत हुआ और वकीलों ने उनकी गाड़ी का रास्ता छोड़ा।
पीड़ित एडवोकेट धर्मेंद्र धाबाई का कहना था कि 29 नवंबर की रात उनके बड़े भाई के रेस्टोरेंट पर कुछ असामाजिक तत्वों ने झगड़ा किया और पत्थरबाजी भी की। जब धाबाई रिपोर्ट दर्ज कराने नाई थाने पहुंचे, तो हेड कांस्टेबल पवन यादव ने कथित तौर पर उनके साथ "अपराधी जैसा बर्ताव" किया और "थप्पड़ जड़ दिया"। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि वकील पक्ष के खिलाफ थाने में पहले केस दर्ज कराया गया था। इसी मामले में वे लोग क्रॉस केस दर्ज कराने पहुंचे थे। धाबाई का आरोप है कि हेड कांस्टेबल ने कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस मामले में कोर्ट परिसर में वकीलों ने कहा कि हाल ही में हाईकोर्ट ने भी पुलिसकर्मियों को जनता के साथ उचित व्यवहार करने के लिए सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग देने की नसीहत दी थी। वकीलों ने चेतावनी दी कि यदि वकीलों के साथ ऐसी घटनाएं लगातार होती रहीं, तो आगे से किसी भी पुलिसकर्मी को कोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।