Patrika Raksha Kavach: अम्बामाता क्षेत्र की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर साइबर ठगों के हाथों डिजिटल अरेस्ट होते-होते बच गई। महिला ने कहा- ’धन्यवाद पत्रिका… जिसे पढ़कर मिली जानकारी से डिजिटल अरेस्ट होने से बच गई’।
उदयपुर। अम्बामाता क्षेत्र की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर साइबर ठगों के हाथों डिजिटल अरेस्ट होते-होते बच गई। महिला ने कहा- ’धन्यवाद पत्रिका… जिसे पढ़कर मिली जानकारी से डिजिटल अरेस्ट होने से बच गई’। साइबर ठगों की ओर से डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनु के साथ हुआ। उन्होंने बताया कि चार दिन पहले उनके पास एक कॉल आया। कॉलर ने कहा कि वह फेड्रल कूरियर सर्विस मुंबई से बोल रहा है। आपके नाम का कूरियर पैकेट भारत से ईरान गया है, जिसे अरमान अली नाम के व्यक्ति को भेजा गया है। इसमें अवैध सामान है। इस पर केस दर्ज किया गया है।
आपकी कॉल मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच में शिफ्ट की जा रही है। अनु को एफआइआर नंबर और कूरियर पैकेट की डिटेल लिखवाई गई। बताया कि कूरियर पैकेट में लेपटॉप, कपड़े, और 450 ग्राम प्रतिबंधित ड्रग एमएमडीएक्स है। ठगों ने कहा कि तुम्हारा नंबर कई गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल है। मुंबई क्राइम ब्रांच की ओर से स्टेटमेंट लेने के नाम पर अनु से डिटेल पूछने लगे और उन्हें सोचने का मौका भी नहीं दिया।
ठगों ने महिला से कहा आपका आधार कार्ड चोरी करके दुरुपयोग किया गया है। उसके माध्यम से बैंकों में चार खाते खोल लिए हैं, जिनसे गैरकानूनी लेनदेन किया जा रहा है। यह कहकर डेटा मिलान के बहाने आधार कार्ड नंबर, मेल आइडी भी पूछ लिया। हाथों हाथ वीडियो कॉल करके फोटो भी ले लिया।
ठगों के झांसे में आती, इससे पहले एक रिश्तेदार का कॉल आया, जो अनु ने रिसीव कर लिया। रिश्तेदार ने पत्रिका में लगातार प्रकाशित हो रहे साइबर ठगी के मामले और डिजिटल अरेस्ट के बारे में बताया तो अनु को पूरा वाकया समझ आ गया। इसके बाद भी ठगों के कॉल लगातार आते रहे, लेकिन अनु ने रिसीव नहीं किए।
अनु ने सारी जानकारी अम्बामाता थानाधिकारी को दी, वहीं जागरूकता के कुछ कदम उठाकर अपने साथ होने वाली ठगी से बच गई। अनु ने अपना आधार कार्ड लॉक करवा दिया। एसबीआइ हेल्पलाइन नम्बर के माध्यम से अपने बैंक खातों के लेन-देन और एटीएम कार्ड ब्लॉक करवा दिए। अज्ञात नंबर से आने वाली कॉल रिसीव करना बंद कर दिया।