उदयपुर

उदयपुर के इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में सीख सकेंगे ड्रोन टेक्नोलॉजी, डिजाइन से लेकर उड़ाने तक की तकनीक

राजस्थान का पहला ड्रोन स्टार्टअप शुरू करने वाले विनय और हितेश बनाएंगे विद्यार्थियों को इस तकनीक में माहिर, उदयपुर के निजी विवि के साथ हुआ एमओयू, शुरू होगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ड्रोन

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Jul 21, 2024
drone

अब ड्रोन बनाने से लेकर उसे उड़ाने तक की तकनीक कॉलेज विद्यार्थी सीख सकेंगे। इस तकनीक को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। यह संभव हुआ है राजस्थान का पहला ड्रोन स्टार्टअप शुरू करने वाले दो युवाओं के प्रयास से। ड्रोन स्टार्टअप विसरॉन प्रा.लि. के फाउंडर विनय कुमार यादव और को-फाउंडर हितेश बोराना अब ड्रोन बनाने की तकनीक से लेकर इससे जुड़ी कई और महत्त्वपूर्ण तकनीकों के बारे में विद्यार्थियों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ड्रोन में प्रशिक्षण देकर इस तकनीक में काबिल बनाएंगे।

ड्राेन सॉफ्टवेयर व अन्य विभिन्न तकनीक सीखने का मिलेगा अवसर

विनय यादव ने बताया कि उनके स्टार्टअप विसरॉन प्रा.लि. का सर पदमपत सिंघानिया विवि (एसपीएसयू) के साथ ड्रोन तकनीक को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हुआ है। इस पहल के तहत यूनिवर्सिटी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ड्रोन शुरू किया जाएगा, जिसमें छात्रों को ड्रोन तकनीक के विभिन्न तकनीकी पहलुओं जैसै जीआईएस, डिजाइनिंग , ड्रोन उड़ान, ड्रोन संबंधित सॉफ्टवेयर तकनीक आदि के बारे में सीखने का अवसर मिलेगा। इसके लिए पहले कॉलेज में वर्कशॉप्स होंगी, जिससे विद्यार्थियों की रुचि इसे लेकर बढ़ेगी और फिर नए सत्र से इसका कोर्स शुरू किया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान विवि के कुलपति प्रोफेसर पृथ्वी यादव के साथ रजिस्ट्रार प्रोफेसर यूआर. सिंह , कंप्यटूर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आलोक कुमार और इंडस्ट्री कोलैबोरेशन की कोऑर्डिनेटर डॉ. चांदनी जोशी का सहयोग रहेगा।

पहले बना चुके कृषि ड्रोन, राज्य सरकार से मिला अनुदान

यादव ने बताया कि वे जिस यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं, वहीं के विद्यार्थियों को कुछ नई तकनीक सिखाना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने सर पद्मपत सिंघानिया यूनिवर्सिटी से ही कम्प्यूटर साइंस में स्नातक किया और हितेश ने एमपीयूएटी के सीटीएई कॉलेज से इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग की। उन्होंने पहला प्रोटोटाइप वर्ष 2018 में बनाया। इसकी सफल टेस्टिंग और ट्रायल एसपीएसयू में किया था। इस पर उन्हें राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 में 5 लाख की अनुदान राशि दी गई। इसके बाद उन्होंने कृषि ड्रोन तैयार किया। साथ ही इसका प्रशिक्षण किसानों को दिया। वहीं, अब भी वे ड्रोन में नवाचारों पर कार्य कर रहे हैं।

Published on:
21 Jul 2024 09:39 pm
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