MP News: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन लावारिस लाशों का गढ़ बनती जा रही है। पिछले 8 महीनों में यहां 96 अज्ञात शव मिले हैं, जिनमें सबसे ज्यादा शव देवासगेट और महाकाल थाना क्षेत्र में मिले हैं।
unidentified dead bodies found ujjain: उज्जैन शहर में लावारिस लाशों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है और हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि अब यह सामाजिक और प्रशासनिक चिंता का विषय बन गया है। समाजसेवी और लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वाले अनिल डागर के अनुसार, जहां पहले एक साल में महज 30-35 लावारिस शव मिलते थे, वहीं इस साल केवल 3 माह में ही 96 शव पुलिस थानों के माध्यम से पहुंचे हैं।
इतना ही नहीं, अगस्त से 5 सितंबर तक यानी महज 36 दिनों में 30 से अधिक लाशों का अंतिम संस्कार किया गया है। सबसे ज्यादा शव महाकाल और देवासगेट थाना क्षेत्रों से मिले हैं। इसको लेकर प्रशासन और नगर निगम की लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं। (MP News)
महाकाल लोक के बाद उज्जैन में इंदौर, देवास, भोपाल, रतलाम और नीमच से भिक्षुओं का आना बढ़ा है। वहीं इंदौर से पकड़े गए भिक्षुओं को उज्जैन में छोडने का सिलसिला शुरू करने से हालात बिगड़ने लगे हैं। बाहर से आए ये भिक्षु अक्सर बीमारी, भूख या असुरक्षित हालातों में जान गंवा रहे हैं, और उनके शव लावारिस हाल में मिल रहे हैं। (MP News)
अनिल डागर के अनुसार चिंता की बात यह है कि नगर निगम, जनप्रतिनिधि और प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। शहर की छवि महाकाल लोक के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निखरी है, लेकिन बढ़ती लावारिस लाशें इस छवि को धूमिल कर रही हैं। न तो इनके लिए आश्रय की व्यवस्था है, न ही स्वास्थ्य जांच या पुनर्वास की। इसके अलावा निगम और पुलिस ने पुरा जिमा हमारी संस्था को दे दिया परंतु इतने शवों का उठाकर उनके अंतिम संस्कार के लिए सुविधा नहीं है। कई बार तो शवों को उठाना भी मुश्किल हो जाता है। (MP News)
डागर का कहना है कि हालांकि तत्कालीन निगमायुक्त आशीष पाठक ने लावारिस लाशों के तेजी से बढ़ते आंकड़े को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर ये शव कहां से आ रहे हैं इस बारे में जानकारी निकालने की बात कहीं थी, परंतु बाद में का स्थानांतरण हो गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। (MP News)
महाकाल-11, कोतवाली-7, देवासगेट-18, जीवाजीगंज-7, चिमनगंज-6, नीलगंगा-5, खाराकुआं-1, भैरवगढ़-11, नरवर-7, माधवनगर-1, नागझिरी-1, थमहल-1, राघवी-1, तराना-9, घट्टिया-4, पंवासा-2, चिंतामन-3, जीआरपी-1।