Ujjain Simhastha 2028: मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में साल 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए राज्य सरकार द्वारा कुंभ भवन सहित इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कई निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
Ujjain Simhastha 2028: मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन की तस्वीर बदलने वाली है। मध्य प्रदेश सरकार सिंहस्थ 2028 को भव्य और व्यवस्थित रूप से आयोजित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सीएम मोहन यादव के विजन के अनुसार, उज्जैन में श्रद्धालुओं और साधु-संतों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। सिंहस्थ के दौरान होने वाली भीड़ और व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। खासतौर पर यातायात, स्वच्छता, जल आपूर्ति और आवासीय सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है।
सिंहस्थ 2028 को सफल बनाने के लिए उज्जैन में कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। रीगल टॉकीज के स्थान पर बनने वाले कुंभ भवन में कुल चार फ्लोर होंगे। इसमें दूसरे बेसमेंट में 92 कारों और 200 दोपहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधा होगी, जिससे यातायात की समस्या कम होगी। वहीं, ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर व्यावसायिक दुकानें होंगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त, ग्राउंड फ्लोर पर 1263 वर्ग मीटर का एक ओपन प्लाजा बनाया जाएगा, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव उज्जैन को विभिन्न शहरों से जोड़ने वाली सड़कों को फोरलेन करने पर जोर दे रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, शिप्रा नदी को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। रामघाट, त्रिवेणी घाट और कल्यादेह महल सहित 28 प्रमुख तीर्थ स्थलों को विकसित किया जा रहा है। सिंहस्थ मेले के दौरान प्रयागराज जैसी भगदड़ की स्थिति न बने, इसके लिए भी विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं। इंदौर, उज्जैन और देवास में स्वच्छता अभियान तेज कर दिया गया है, ताकि सिंहस्थ के दौरान पर्यावरण स्वच्छ बना रहे।
उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ 2028 को स्थायी स्वरूप देने की ऐतिहासिक पहल शुरू हो गई है। उज्जैन विकास प्राधिकरण 2378 हेक्टेयर क्षेत्र में आधुनिक कुंभ नगरी विकसित कर रहा है। इस परियोजना के तहत 2000 करोड़ रुपए की लागत से चौड़ी सड़कें, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम, अंडरग्राउंड सीवरेज, हरित क्षेत्र, अस्पताल, स्कूल और प्रशासनिक सुविधाएं बनाई जाएंगी। धार्मिक महत्व को दर्शाने वाले भव्य प्रवेश द्वार निर्मित होंगे। लैंड पूलिंग स्कीम से किसानों को लाभ मिलेगा, जिससे वे आधुनिक बुनियादी ढांचे का उपयोग कर सकेंगे।