Mahakal Temple Ujjain VIP Culture: महाकालेश्वर मंदिर में आम और वीआइपी श्रद्धालुओं के नियमों में दोहरा मापदंड खत्म नहीं हो रहा है। मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं के लिए मोबाइल फोन लाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है, वहीं वीआइपी और विशेष अतिथियों को इससे छूट दी जा रही है, जिससे लोगों में नाराजगी है।
Mahakal Temple Ujjain VIP Culture: महाकालेश्वर मंदिर में आम और वीआइपी श्रद्धालुओं के नियमों में दोहरा मापदंड खत्म नहीं हो रहा है। मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं के लिए मोबाइल फोन लाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है, वहीं वीआइपी और विशेष अतिथियों को इससे छूट दी जा रही है, जिससे लोगों में नाराजगी है। मंदिर समिति ने दो दिन पहले एक आदेश जारी किया था, जिसमें आम श्रद्धालुओं के मंदिर परिसर में मोबाइल ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया।
इसके पीछे का का कारण है ट्रैवल ब्लॉगर नैना और उनके पति अर्पित। उन्होंने गार्ड पर अभद्रता का आरोप लगा था, जिसके बाद वीडियो अपलोड कर दर्शन व्यवस्था पर कई सवाल उठाए थे। बताया था कि मंदिर प्रशासन ने दर्शनार्थियों को मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है। लेकिन राजनेता, सेलिब्रिटी या अन्य वीआइपी आते हैं, तो उन्हें अनुमति दी जाती है।
अजय बैरागी ने दिल्ली सहित अन्य जगह से आए 7 श्रद्धालुओं से शीघ्र दर्शन के नाम पर 1100-1100 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से मांगे थे। चैकिंग के दौरान वह पकड़ा गया।
जब महाकाल (Mahakal Temple Ujjain VIP Culture) मंदिर समिति और प्रशासनिक अधिकारियों से इस बारे में सवाल किए तो स्पष्ट जवाब नहीं मिला। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंदिर में विशेष अतिथियों की सुरक्षा और समान को ध्यान रखते हुए उन्हें छूट दी जाती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि धार्मिक स्थानों पर नियमों की समानता क्यों नहीं होनी चाहिए? क्या मंदिर जैसे पवित्र स्थल पर भी वीआइपी संस्कृति और भेदभाव को स्वीकार किया जाना चाहिए?
मंदिर में दोहरे मापदंड(Mahakal Temple Ujjain VIP Culture) से आम श्रद्धालु खुद को ठगा और उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। बाहर से दर्शन करने आए भक्त रमेश चौधरी ने कहा, हम दूर-दूर से बारी-बारी से लाइन में लगकर दर्शन करते हैं, मोबाइल तक जमा कराना पड़ता है। वहीं कुछ लोग मोबाइल के साथ मंदिर में पहुंचते हैं। यह भेदभाव क्यों? स्थानीय श्रद्धालु भी इस व्यवस्था से असंतुष्ट हैं। महिला भक्त ने कहा, मोबाइल बाहर जमा होते हैं, लेकिन कुछ लोग तो लेकर आ रहे हैं, अगर नियम हैं तो सबके लिए समान हों।
मंदिर के गर्भगृह, नंदी हॉल और कार्तिकेय मंडपम में किसी को भी फोटो-वीडियो लेने से सती से रोक रहे हैं। कुछ श्रद्धालु फूलों की टोकरी के अंदर छुपाकर ले जाते हैं, लेकिन जैसे ही वे वीडियो या फोटो के लिए मोबाइल निकालते हैं, उन्हें वहीं रोका जाता है। मंदिर परिसर में कुछ लोगों को मोबाइल ले जाने दिया जा रहा है लेकिन यदि वे फोटो-वीडियो करते पाए जाते हैं, तो सती से कार्रवाई की जाएगी।-एसएन सोनी, उप प्रशासक महाकाल मंदिर