उज्जैन

10वीं-12वीं प्री-बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक, बच्चों को टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर मिले सभी पर्चे

MP Board Paper Leak: माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10वीं और 12वीं प्री-बोर्ड के सभी पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गए, स्टूडेंट्स को परीक्षा के कुछ घंटे पहले ही मोबाइल पर पेपर मिलते रहे, यहां पढ़ें पूरी खबर

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Jan 22, 2025
सोशल मीडिया के जरिए बच्चों को मोबाइल पर मिले 10वीं और 12वीं के सभी पेपर.

MP Board Paper Leak: माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्री-बोर्ड परीक्षा के पहले ही बच्चों के हाथ सारे प्रश्न-पत्र लग गए। कक्षा 10वीं-12वीं के सभी पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गए। इस घटना से परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग अनुचित रूप से किया जा रहा है, जिससे छात्रों की मेहनत और परीक्षा प्रणाली की निष्पक्षता दोनों प्रभावित हुई हैं। इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कई फर्जी अकाउंट्स के जरिए प्रश्न-पत्र और समाधान साझा किए जा रहे हैं।

इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने पत्रिका को बताया कि प्री-बोर्ड परीक्षाओं में आमतौर पर पेपर लीक जैसी घटनाएं नहीं होतीं, क्योंकि ये परीक्षाएं तो स्कूल स्तर पर आयोजित की जाती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराना होता है। प्री-बोर्ड परीक्षा के पेपर स्कूल के शिक्षकों ने ही तैयार किए जाते हैं। इन्हें एक सीमित दायरे में संभाला जाता है।

इसमें छात्रों के प्रदर्शन को परखने और उन्हें सुधारने का अवसर दिया जाता है। अगर कभी ऐसी घटनाओं की अफवाहें सुनने को मिलती हैं, तो वे ज्यादातर गलतफहमी या असत्यापित जानकारियों पर आधारित होती हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को अनावश्यक रूप से चिंतित करना हो सकता है। छात्रों को चाहिए कि वे ऐसी बातों पर ध्यान न दें और अपनी पढ़ाई पर फोकस करें। समय का सही उपयोग करते हुए ईमानदारी से तैयारी करने से ही सफलता मिलेगी।

एमपी में ये है सिस्टम

शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर के प्रत्येक प्राचार्य के लॉगइन आइडी पर यह खुलता है। पेपर को विमर्श पोर्टल पर उनकी आईडी पर भेजा जाता है, फिर उसकी प्रिंट लेकर प्राचार्य फोटोकॉपी के लिए देते हैं। संभावित है, जिस दुकान पर फोटोकॉपी के लिए पेपर जाएगा, वहां से लीक हो सकता है। हालांकि एक बात यह भी है कि प्री-बोर्ड में पेपर लीक हो या न हो, कोई फर्क नहीं पड़ता। प्री-बोर्ड का अर्थ ही प्रैक्टिस कराना है।

यदि स्टूडेंट्स ने कहीं से पेपर लीक का मटेरियल पढ़ा है, तो परीक्षा में कम से कम वही लिख दे, तो ही वह पास कहलाएगा। क्योंकि इसमें न तो पास होने का कोई मतलब है, न ही फेल होने का। अब तो मॉडल पेपर दिए जाते हैं, ताकि बच्चा उसकी प्रैक्टिस करके परीक्षा दे सके। यदि लीक पेपर भी कहीं से लाकर उसे पढ़ रहे हैं, तो भी वह उसके काम ही आएगा। बच्चों की प्री-बोर्ड लेने का अर्थ ही उन्हें परीक्षा की प्रैक्टिस कराना है, यदि पेपर लीक करके परीक्षा दे रहा है, तो पास-फेल का प्रावधान नहीं है।

ये है मामला…

  • कक्षा 10वीं और 12वीं प्री-बोर्ड के सभी पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गए।
  • कुछ पेपर दो दिन पहले तो कुछ एक दिन पहले ही पहुंच गए।
  • सभी पेपर सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यूट्यूब पर वायरल हुए हैं।
  • परीक्षा देकर बाहर निकले छात्र ने कहा - टेलीग्राम-इंस्टाग्राम पर पहले ही आ चुका था यह पेपर।
  • सोमवार को अंग्रेजी का पेपर 11 बजे शुरू हुआ, लेकिन परीक्षा से 6 घंटे पहले ही पूरा पेपर सोशल मीडिया पर पहुंच गया।
  • मंगलवार को होने वाले गणित का पेपर भी 21 घंटे पहले ही मिल गया था।

परीक्षा से 2 घंटे पहले बायोलॉजी तो 21 घंटे पहले लीक हुआ गणित का पर्चा

--21 जनवरी को 12वीं का बायोलॉजी का पेपर था। लेकिन वो दो घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर आ गया था। ये वही पेपर था जो टेलीग्राम पर लीक हुआ।

--सोमवार को अंग्रेजी का पेपर 11 बजे शुरू होना था, लेकिन परीक्षा से 6 घंटे पहले ही पूरा पेपर सोशल मीडिया के जरिए स्टूडेंट्स को मोबाइल पर मिल गया।

--मंगलवार को होने वाला गणित का पेपर भी 21 घंटे पहले ही स्टूडेंट्स के पास पहुंच गया।

इन ऑफिशियल नाम पर हैं सोशल मीडिया अकाउंट

पेपर लीक मामले में जब खोजबीन की गई तो बता चला कि ये पेपर Munna bhai yt, Mp bord official,Sdlclasses, Mp bord secondryhighereducation समेत कई अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किए गए थे। कुछ साइट पर पेपर के साथ-साथ सॉल्व्ड पेपर भी उपलब्ध थे।

Updated on:
22 Jan 2025 10:11 am
Published on:
22 Jan 2025 10:08 am
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