Ujjain Simhastha 2028: एमपी की धार्मिक नगरी उज्जैन में कुंभ मेले की तैयारियों में मध्य प्रदेश सरकार ने यूपी सरकार को पीछे छोड़ दिया है। मध्य प्रदेश सरकार साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ या कुंभ मेले के लिए उज्जैन में नया स्थायी शहर बसाने जा रही है।
Ujjain Simhastha 2028: देश के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक सिंहस्थ कुंभ 2028 को स्थायी स्वरूप देने की ऐतिहासिक पहल मध्य प्रदेश के उज्जैन में शुरू हो गई है। हर 12 साल में लगने वाले इस महापर्व के दौरान अब तक करोड़ों रुपए अस्थायी निर्माण पर खर्च होते थे, लेकिन इस बार सरकार स्थायी कुंभ नगरी विकसित करने की योजना पर काम कर रही है।
उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) ने लैंड पूलिंग स्कीम के तहत लगभग 2378 हेक्टेयर क्षेत्र में आधुनिक सुविधाओं से लैस कुंभ नगरी बसाने का खाका तैयार किया है। इस परियोजना का लक्ष्य उज्जैन को एक सुव्यवस्थित धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी के रूप में विकसित करना है, जिससे सिंहस्थ 2028 और भविष्य के आयोजनों को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा मिल सके।
इस परियोजना के तहत सिंहस्थ क्षेत्र में कई अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यहां जानें कुंभ नगरी की खासियत
आधुनिक सड़क नेटवर्क
हाईटेक सीवरेज और जल निकासी प्रणाली
धार्मिक महत्व के भव्य प्रवेश द्वार
उज्जैन की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को दर्शाने वाले शानदार प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे।
हरियाली और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
नागरिक सुविधाओं का विस्तार
कुंभ शहर की यह परियोजना सिर्फ धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उज्जैन के स्थानीय किसानों और व्यापारियों के लिए भी नए अवसर लेकर आएगी। लैंड पूलिंग स्कीम के तहत किसानों को उनकी भूमि का 50% हिस्सा वापस मिलेगा, जिससे वे आधुनिक बुनियादी ढांचे का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, 25% भूमि सड़क, बिजली, पानी और सीवरेज जैसी सुविधाओं के लिए आरक्षित की गई हैं, जबकि 5% भूमि को हरित क्षेत्र और सार्वजनिक पार्कों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
इस योजना पर लगभग 2000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस परियोजना को उज्जैन को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम बताया है। उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी ने कहा, 'यह परियोजना उज्जैन के लिए एक नया अध्याय साबित होगी। इससे न केवल श्रद्धालुओं को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।'