World smallest antenna Invention: उज्जैन की वैज्ञानिक दंपती डॉ. मनीष वरुण यादव व डॉ. स्वाति वरुण यादव ने विज्ञान जगत में देश का नाम वैश्विक स्तर पर रोशन, 120 से ज्यादा फेल्योर रहे प्रोटोटाइप तब मिली बड़ी सफलता...जानें इसकी खासियत और कैसे करेगा काम...
World smallest antenna Invention: धार्मिक नगरी उज्जैन से निकलकर वैज्ञानिक दंपती डॉ. मनीष वरुण यादव व डॉ. स्वाति वरुण यादव (Ujjain Scientist Couple) ने विज्ञान जगत में देश का नाम वैश्विक स्तर पर रोशन किया है। दोनों ने मिलीमीटर-वेव तकनीक पर आधारित (Based on Millimeter-wave technology) दुनिया का सबसे छोटा एंटीना (world smallest antenna) विकसित किया है, जो 5 व 6 जी सैटेलाइट व रक्षा संचार क्षेत्र (5 and 6 G satellite and defense communication sector) में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
यह एंटीना महज 12 मिमी बाय 10 मिमी आकार का है और 9 से 100 गीगा हर्ट्ज तक की फ्रीक्वेंसी पर कार्य करता है। इसे बनाने में लगभग 6 महीने का समय लगा और 120 से अधिक प्रोटोटाइप फेल होने के बाद अंतत: सफलता प्राप्त हुई। यह डिज़ाइन अब भारतीय पेटेंट कार्यालय में दर्ज हो चुका है और उसकी पेटेंट स्वीकृति प्रक्रिया चल रही है। डॉ. मनीष यादव ने अपनी शिक्षा उज्जैन से प्रारंभ की।
उन्होंने डिप्लोमा उज्जैन पॉलिटेक्निक से और बीई शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से किया। इसके बाद उन्होंने एवं पत्नी स्वाति ने बिट्स पिलानी, गोवा परिसर से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वर्तमान में दोनों मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, उडुपी में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
इस वैज्ञानिक दंपती ने अब तक 32 अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और 25 से अधिक शोध प्रस्तुतियां विश्वविख्यात आईईईई सम्मेलनों में दी हैं। उनके नाम 20 से अधिक पेटेंट दर्ज हैं।
हाल ही में उन्हें यूरोप में ’बेस्ट पेपर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है। डॉ. मनीष एवं डॉ. स्वाति ने मलेशिया, दुबई, इंडोनेशिया जैसे देशों में भारत की ओर से अपने नवाचार प्रस्तुत किए। उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ वूलोंगोंग, दुबई में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया, जहां उन्होंने भारतीय तकनीकी प्रतिभा का वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली प्रदर्शन किया।