MP News : 200 साल से चली आ रही पति-पत्नी की होली रूपी अनूठी परंपरा का निर्वाह बखूबी किया जा रहा है।
MP News : 200 साल से चली आ रही पति-पत्नी की होली रूपी अनूठी परंपरा का निर्वाह बखूबी किया जा रहा है। महिलाओं के बीच घूंघट में खड़ी पत्नी को पहचानना होता है। पत्नी को पहचान कर उसे रंग से भरे कड़ाव के पास लाकर बाल्टी से उस पर रंग डालता है। यदि पत्नी को पहचानने में चूक हो जाए और पति दूसरी महिला को रंग उड़ेल दे, तो वह हंसी का पात्र बनता है। होली के 7वें दिन शीतला सप्तमी पर मारवाड़ी माली समाज(Marwadi Holi in MP) अनूठी परंपरा निभाता है। पति-पत्नी सार्वजनिक रूप से रंगों से सराबोर होते हैं, लेकिन इसमें एक रोचक परंपरा है। बुजुर्गों का कहना है, यह परंपरा आपसी प्रेम, विश्वास और मनोरंजन से भरी होती है, जो समाज में उत्सवी माहौल बनाती है।
पत्रिका को समाज की आनंदी बाई कछावा ने अपने पारंपरिक होली गीतों के पिटारे से चंद लाइनें सुनाई। 'जरा सो बाहर आजा सांवरिया, अपन खेलां होली... होली खेलांगा तो म्हारा सासूजी लड़ेगा...सासूजी ने मंदिर पहुंचा दो, फिर अपन खेलां होली।'
मारवाड़ी माली समाज के अध्यक्ष मोती भाटी ने बताया, 200 साल से चली आ रही परंपरा निभाने युवाओं में उत्साह है। 7 दिनी होली उत्सव में डांडिया नृत्य किया जा रहा है। सत्यनारायण कछावा ने बताया, परंपरागत होली उर्दूपुरा चौराहे पर शुक्रवार शाम 5 बजे होगी। इस बार पति-पत्नी जोड़े को लकी ड्रॉ से नकद राशि से पुरस्कृत किया जाएगा।