MP News: नसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक सर्पदंश से मौत के मामले में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे हैं। प्रदेश में सांप के डंसने से एक साल में करीब 3 हजार लोगों की मौत होती है।
MP News:मध्यप्रदेश में सर्पदंश की बढ़ती घटनाओं को लेकर रोकथाम के लिए हर थाना क्षेत्र में दो सर्प विशेषज्ञ यानी सर्प मित्र कार्य करेंगे। वे सांपों को पकड़ने से लेकर लोगों को जागरूक करने और स्नैक बाइट पर प्री हॉस्पिटल केयर भी देंगे। यह पहली बार हो रहा है, जब सरकार सांपों से जनसुरक्षा और सांपों के संरक्षण को लेकर माइक्रो लेवल पर काम कर रही है।
एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक सर्पदंश से मौत के मामले में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे हैं। प्रदेश में सांप के डंसने से एक साल में करीब 3 हजार लोगों की मौत होती है। इसके पीछे बड़ा कारण जागरूकता की कमी और समय पर रेस्क्यू उपलब्ध नहीं होना है। समस्या निराकरण के लिए सर्पदंश जागरूकता प्रशिक्षण और अध्ययन योजना बनाई है। इसे सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के साथ करीब 9 करोड़ रुपए का बजट तय किया है। इसमें मप्र जनअभियान परिषद व रेक्टल कंजर्वेशन एंड रिसर्च सेंटर मिलकर हर थाना क्षेत्र में दो सर्प विशेषज्ञ या सर्प मित्र तैयार करेंगे। वालिंटियर चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इसी महीने अधिकृत रूप से योजना शुरू हो सकती है। बता दें कि ट्रेनिंग देने के लिए सरिसृप क्षेत्र में कार्य करने वाली देशभर से 30 से अधिक संस्थाओं ने इओआइ प्रस्तुत किए थे, जिनमें उज्जैन की रेक्टल कंजर्वेशन एंड रिसर्च सेंटर का चयन किया गया है।
प्रदेश में 1500 पुलिस थाने हैं। योजना अनुसार प्रत्येक थाना क्षेत्र में न्यूनतम दो लोगों का चयन कर उन्हें सापों के संबंध में पूरा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश में करीब 3 हजार सर्प विशेषज्ञ तैयार होंगे, जो अपने-अपने थाना क्षेत्र में रेस्क्यू करेंगे।
सर्पदंश जागरूकता प्रशिक्षण और अध्ययन योजना को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। हमने जनअभियान परिषद के साथ एमओयू साइन किया है। प्रत्येक थाना क्षेत्र अंतर्गत चयनित वॉलिंटियर्स को सात दिन का प्रशिक्षण देकर ट्रेंड किया जाएगा। इससे समय पर रेस्क्यू सुविधा उपलब्ध होगी, जनजागरण और सांपों का भी सरंक्षण हो सकेगा। - मुकेश इंगले, डायरेक्टर रेक्टल कंजर्वेशन एंड रिसर्च सेंटर, उज्जैन
-जन अभियान परिषद प्रत्येक थाना क्षेत्र में ऐसे लोगों का चयन करेगी, जो इस कार्य में रुचि रखते हैं। वालिंटियर चयन के लिए वन विभाग या अन्य की भी मदद ली जा सकती है।
-चयनितों की रेक्टल कंजर्वेशन एंड रिसर्च सेंटर स्क्रूटनी करेगा।
-स्क्रूटनी के बाद चयनित लोगों को उज्जैन में सात दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी।
-प्रशिक्षण में तीन पार्ट, सांपों के बारे में विस्तृत जानकारी, जनजागरण और अध्ययन शामिल रहेगा।
-एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। ट्रेंड सर्प विशेषज्ञ कहीं भी रेस्क्यू करेंगे तो इसकी पूरी जानकारी सॉफ्टवेयर में अपलोड करेंगे। जैसे, सांप की प्रजाति, स्थान, सांप को पकड़कर कहां छोड़ा आदि।
-पूरे प्रदेश में सर्प विशेषज्ञ तैयार करने में डेढ़-दो वर्ष लग सकते हैं।