Bandhavgarh Tiger Reserve : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से गुरुवार को एक और दुखद खबर सामने आई है। यहां आज एक और हाथी की मौत हो गई है। इसके बाद अब मरने वाले हाथियों की संख्या 9 हो गई है।
Bandhavgarh Tiger Reserve : मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के अंतर्गत आने वाले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से गुरुवार को एक और दुखद खबर सामने आई है। यहां आज एक और हाथी की मौत हो गई है। इसके बाद अब मरने वाले हाथियों की संख्या 9 हो गई है। फिलहाल, एक और हाथी का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है। इधर, जांच में जुटी अधिकारियों की टीमें अबतक हाथियों की मौत के स्पष्ट कारणों का ही पता नहीं लगा पाई है।
बता दें कि ये मामला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर जोन के सलखनियां बीट का है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को माहुर रोग से बचाव के लिए किसानों ने फसल में कीटनाशक का छिड़काव किया था। उसी फसल को हाथियों के झुंड ने खा लिया। तभी से अचानक हाथियों की हालत बिगड़ने लगी। मामले का खुलासा ही उस समय हुआ, जब 4 हाथियों की मौत हो चुकी थी। जबकि 5 हाथी गंभीर हालत में बेहोश पड़े मिले थे। बुधवार सुबह जानकारी सामने आई कि घायल पांच में से 3 हाथियों की मौत हो गई थी, जबकि देर शाम तक एक अन्य हाथी की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य बीमार हाथी ने गुरुवार को दम तोड़ दिया है।
इस तरह अबतक उस फसल को खाने वाले 9 हाथियों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अब भी एक हाथी का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है। ये भी बता दें कि, बुधवार को 7 हाथियों का पोस्टमार्टम कराकर सभी के शवों को दफना दिया गया था। हाथियों के शव डिस्पोज करने के लिए 300 बोरी नमक का इस्तेमाल किया गया था।
इधर, मुख्य वन जीव अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव वी.एन. अम्बाड़े ने जांच के लिए समिति गठित की है। समिति के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव एल. कृष्णमूर्ति को अध्यक्ष नामांकित किया गया है। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल रितेश सरोठिया (प्रभारी), स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एवं हेल्थ जबलपुर, अधिवक्ता एवं मानसेवी वन्यप्राणी अभिरक्षक कटनी मंजुला श्रीवास्तव और वैज्ञानिक, राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर को सदस्य मनोनीत किया गया है। समिति को 10 दिनों के भीतर हाथियों की मौत के कारणों का विश्लेषण करती रिपोर्ट पेश करनी है।