उन्नाव

कुत्ता भौंकने पर विवाद: प्रताड़ना से क्षुब्ध किशोर ने उठाया खौफनाक कदम, हुई मौत, BNS की धारा 108 में FIR

Unnao Dog Barking Dispute उन्नाव में कुत्ते भौंकने के विवाद में एक युवक ने खौफनाक कदम उठा लिया। उसकी मौत हो गई। सीओ सिटी ने बताया कि बीएनएस की धारा 108 में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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Oct 22, 2025
फोटो सोर्स- उन्नाव पुलिस सोशल मीडिया वीडियो ग्रैब

Unnao Dog Barking Dispute उन्नाव में कुत्ते को भौंकने को लेकर हुए विवाद में एक किशोर ने आत्महत्या कर ली। मृतक परिजन ने कोतवाली में तहरीर देकर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। इस संबंध में सीओ सिटी ने बताया कि मृतक परिजन की तहरीर पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। कानूनी कार्रवाई की जा रही है। घटना सदर कोतवाली क्षेत्र की है।

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दरवाजे से निकलते समय कुत्ता भौंकने लगा

उत्तर प्रदेश के उन्नाव के मदउ खेड़ा ने कोतवाली निवासी श्रवण पुत्र रामद्वारे ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया है कि उनका भतीजा ऋतिक पुत्र संजू बीते 17 अक्टूबर को हिंदू खेड़ा से गुजर रहा था। विशंभर के घर के सामने से गुजरते समय पालतू कुत्ता ऋतिक को देखकर भौंकने लगा। कुत्ते के भौंकने को लेकर ऋतिक और विशंभर के बीच बहस हो गई। 18 अक्टूबर को विशंभर अपने दो दोस्तों अमन और अभिषेक के साथ ऋतिक के घर पहुंच गया। जहां पर ऋतिक को प्रताड़ित किया गया। जिसे क्षुब्ध होकर 19 अक्टूबर को ऋतिक ने जहरीला पदार्थ का लिया। घर वालों ने ऋतिक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से उसे हैलेट रेफर कर दिया गया। लेकिन परिजन प्राइवेट अस्पताल लेकर चले गए। प्राइवेट अस्पताल से हैलेट जाते समय रास्ते में ऋतिक की मौत हो गई।

क्या कहते हैं सीओ सिटी?

क्षेत्राधिकारी नगर दीपक यादव ने बताया कि मृतक के चाचा श्रवण ने कोतवाली में तहरीर देकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। श्रवण की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने बीएनएस की धारा 108 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

क्या है बीएनएस धारा 108?

क्षेत्राधिकार ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। बीएनएस की धारा 108 के अंतर्गत आरोपी पर अपराध सिद्ध होने पर 10 साल तक की कैद की सजा हो सकती है। इसके साथ ही जुर्माना या दोनों भी लगाया जा सकता है। जब कोई व्यक्ति किसी को आत्महत्या के लिए उकसाता है और वह व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है। तब भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया जाता है।

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