UPSC, Two real sisters got success in first attempt उन्नाव की दो सगी बहनों ने यूपीएससी में सफलता का ऐसा परचम लहराया कि आज उनकी चर्चा देश में हो रही है। अपने पहले ही प्रयास में दोनों बहनों ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा में सफलता हासिल की।
UPSC, Two real sisters got success in first attempt उन्नाव में दो सगी बहनें सौम्या और सुमेधा ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। बड़ी बहन ने 18वीं रैंक और छोटी बहन ने 253वीं रैंक हासिल की है। मंगलवार को आए रिजल्ट ने परिवार वालों को गौरवान्वित करने का अवसर दिया। दोनों ही बहनें मूल रूप से असोहा के अजयपुर गांव की रहने वाली है। लेकिन प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में ही हुई है। सौम्या और सुमेधा के पिता राघवेंद्र मिश्रा दिल्ली के डिग्री कॉलेज में पढ़ाते हैं। जबकि मां रेनू मिश्रा गृहणी है। दोनों बहनों की सफलता की खबर से गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव के असोहा क्षेत्र के अजयपुर गांव निवासी राघवेंद्र मिश्रा की दो पुत्री ने सौम्या और सुमेधा ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है। जो इस समय दिल्ली में निवास करते हैं। गांव में राघवेंद्र मिश्रा की मां इंदिरा देवी रहती है। जबकि पिता इकबाल शंकर मिश्रा का निधन हो चुका है। राघवेंद्र मिश्रा 15 साल पहले दिल्ली चले गए थे। जहां वह डिग्री कॉलेज में पढ़ाते हैं।
राघवेंद्र मिश्रा की बड़ी बेटी सौम्या मिश्रा ने 2021 में यूपीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की और आज एसडीएम है। मिर्जापुर के मड़िहान में अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी भी चल रही थी। सौम्या मिश्रा ने बताया कि सीनियर अफसर का उन्हें काफी सहयोग मिला। जिसके कारण इंटरव्यू और मुख्य परीक्षा में सफलता हासिल की। उन्होंने अपने सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया। पहले प्रयास में उन्होंने 18वीं रैंक हासिल की।
राघवेंद्र मिश्रा की छोटी बेटी सुमेधा मिश्रा बड़ी बहन के पदचिन्हों पर चल रही थी। उसने भी पहले ही प्रयास में 253वीं रैंक हासिल की। दिल्ली स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से दोनों ने स्कूली शिक्षा ग्रहण की। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध किरोड़ीमल कॉलेज से भूगोल ऑनर्स से स्नातक किया। सौम्या ने 2017 में और सुमेधा ने 2020 में यह सफलता हासिल की। दोनों बहनों की सफलता से घर में खुशी की लहर दौड़ गई और पूरे देश में अपना नाम रोशन किया।