UP में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर एसीएस होम दीपक कुमार ने अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। इसमें कार्यस्थल पर सुरक्षा, रात्रि ड्यूटी के दौरान सुरक्षा, आत्मरक्षा, और सुरक्षा ऑडिट के दिशा-निर्देश शामिल हैं। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद-14 और 21 के तहत महिला कर्मियों के अधिकारों और गरिमापूर्ण जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
UP Government Women Safety Guidelines: उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। एसीएस होम दीपक कुमार ने राज्य के सभी मंडलायुक्तों, पुलिस आयुक्तों, जिला मजिस्ट्रेटों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, और विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर महिला कर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना अति आवश्यक है। इसके साथ ही, रात में महिला कर्मियों के आने-जाने के मार्गों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। दीपक कुमार ने निर्देश दिया कि महिलाओं को रात्रि ड्यूटी के दौरान तय समय से अधिक काम न करना पड़े और उनके लिए विश्वसनीय परिवहन सेवाओं की व्यवस्था की जाए ताकि वे बिना किसी डर के अपने घर आ-जा सकें।
रात के समय महिलाओं के आवागमन के लिए सुरक्षित ड्रॉप-ऑफ पॉइंट्स का चयन किया जाए, जहां लाइटिंग और सीसीटीवी कैमरे लगे हों। इसके अलावा, सभी कार्यस्थल जैसे कॉल सेंटर, स्वास्थ्य संस्थान, ऑफिस, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट, रेलवे और बस स्टेशनों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। इन जगहों की थानावार सूची बनाकर रात के समय महिला कर्मचारियों की लोकेशन की निगरानी भी की जाएगी।
एसीएस होम दीपक कुमार ने राज्य में महिला कर्मियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद-14 और अनुच्छेद-21 का हवाला देते हुए, भेदभाव रहित और सुरक्षित कार्य वातावरण बनाने पर जोर दिया है। उनका कहना है कि महिलाओं को कार्यस्थल पर समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए, और इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
रात्रि ड्यूटी की सुरक्षा: महिला कर्मियों के लिए रात्रि ड्यूटी के दौरान सुरक्षा और समय सीमा निर्धारित।
विश्वसनीय परिवहन: घर लौटने के लिए विश्वसनीय परिवहन सेवाओं की अनिवार्य व्यवस्था।
सुरक्षित ड्रॉप-ऑफ पॉइंट्स: लाइटिंग और सीसीटीवी से लैस सुरक्षित ड्रॉप-ऑफ पॉइंट्स की पहचान।
सुरक्षा ऑडिट: सभी कार्यस्थलों पर सुरक्षा ऑडिट सुनिश्चित करने का निर्देश।