यूपी न्यूज

Murder Case : बच्चों की चिताएं ठंडी होने से पहले उठ गई मां की भी अर्थी, योगेश के सिर पर सवार था खून

Murder Case : बाप ने अपने तीन बच्चों और पत्नी को बेरहमी से गोली मार दी थी। हत्यारोपी को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था। बच्चों की गोली लगते ही मौत हो गई थी जबकि पत्नी की हालत अस्पताल में गंभीर बनी हुई थी।

3 min read
पीछे तीनों बच्चों की जलती चिताएं और नीचे मां नेहा का फाइल फोटो

Murder Case : सहारनपुर में पिता की गोली से मरने वाले तीनों बच्चे दिव्यांश, शिवांस और श्रद्धा की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि मांं ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। गोली लगने से तीनों भाई-बहनों की पहले ही मौत हो चुकी थी जबकि मां नेहा की हालत गंभीर बनी हुई थी। इन सभी के सिर में गोली मारी गई थी। इसलिए इनमें से किसी का भी बचना ही मुश्किल ही था। बेटी श्रद्धा ने तो गोली लगते ही दम तोड़ दिया था। दोनों बेटों दिव्यांश और शिवांस को अस्पताल में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया जबकि हालत गंभीर देखते हुए मां नेहा को हायर सेंटर रेफर कर दिया था।

पत्नी और तीनों बच्चों को भाजपा ने मार दी थी गोली

सहारनपुर के गंगोह थाना क्षेत्र के गांव सांगाठेड़ा के रहने वाले बीजेपी नेता योगेश रोहिला ने अपनी पत्नी और फूल से तीन बच्चों को गोली मार दी थी। इसने तीनों के सिर में गोली मारी थी। योगेश को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था। इसी शक में उसने पत्नी और बच्चों को गोली मार दी। सबसे बड़ी बेटी 11 वर्षीय श्रद्धा ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया था। दोनों बेटों की भी अस्पताल ले जाते हुए मौत हो गई थी जबकि पत्नी नेहा की सांसे चल रही थी। सहारनपुर में प्राथमिक उपचार के बाद उखड़ती हुई सांसे ले रही नेहा को बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था। चंडीगढ़ पीजीआई में नेहा की हालत बिगड़ती रही और 24 घंटे के बाद वह वेंटीलेटर पर पहुंच गई।

पहले दिमाग ने काम करना बंद किया फिर चली गई नेहा भी

चिकित्सकों ने काफी कोशिश की, लेकिन नेहा के सिर में गोली लगी हुई थी इसलिए उसे बचा नहीं सके। इधर अस्पताल में मां अंतिम सांसे गिन रही थी और उधर गांव में तीनों बच्चों की चिताएँ एक साथ जल रही थी। दूसरे दिन नेहा के ब्रेन यानि दिमाग ने काम कर करना बंद कर दिया। इसका मतलब है कि उसका दिमाग मर चुका था। अब दिमाग शरीर के किसी भी अंग को कोई भी हरकत करने के लिए आदेश नहीं दे रहा था। दिमाग ने काम करना बंद किया तो चिकित्सकों ने उसके अंगों को क्रत्रिम यंत्रों से चलाना शुरू किया। यानी नेहा वेंटीलेटर पर आ गई। इसके बाद भी चिकित्सक उसे बचा नहीं सके और तीनों बच्चों की मां ने भी दम तोड़ दिया।

बचने की नहीं थी उम्मीद ( Murder Case )

बच्चों की मौत के बाद नेहा की सांसे चल रही थी लेकिन उसके बचने की उम्मीद अब नहीं दिखाई दे रही थी। गांव में भी सभी दबी जुबां से यही बोल रहे थे कि बहू का बचना भी मुश्किल है। कारण भी था, दरअसल योगेश ने पत्नी और बच्चों के सिर में गोली मारी थी। इसलिए इनमें से किसी का भी बचना मुश्किल ही था। फिर भी सभी प्रयास कर रहे थे कि नेहा बच जाए। नेहा के इलाज में उसके मायके वालों ने ही मेहनत की। नेहा के बचने के पीछे एक बड़ी वजह ये भी थी कि बीजेपी नेता योगेश रोहिला को जल्द से जल्द सजा मिले। नेहा जिंदा बच जाती तो अदालत को पति की क्रूरता की कहानी तो बता देती।

योगेश के सिर पर खून सवार था

भाजपा नेता ने जब इस वारदात को अंजाम दिया तो उसके सिर पर खून सवार था। अपने ही मासूम बच्चों को गोली मारते हुए उसके हाथ एक बार भी नहीं कांपे। एक के बाद एक योगेश बच्चों को गोली से उड़ाता रहा। बच्चों ने भागने की कोशिश की लेकिन आज योगेश के सिर पर मानो खून सवार था। उसने किसी को भी नहीं भागने या बचने का मौका नहीं दिया। बच्चे-पत्नी जो भी सामने आता गया उसे ही मारता चला गया।

Updated on:
25 Mar 2025 07:19 am
Published on:
25 Mar 2025 07:18 am
Also Read
View All

अगली खबर