चित्रकूट के बड़गढ़ गांव के तीन छोटे बच्चे खेलते-खेलते गलती से एक ट्रेन में चढ़ गए और सीधे प्रयागराज जंक्शन पहुंच गए। रेलवे सुरक्षा बल ने तीनों बच्चों को सुरक्षित बचाकर चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया।
चित्रकूट के बड़गढ़ गांव के तीन छोटे बच्चे खेलते-खेलते गलती से एक ट्रेन में चढ़ गए और सीधे प्रयागराज जंक्शन पहुंच गए। रेलवे सुरक्षा बल ने तीनों बच्चों को सुरक्षित बचाकर चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। यह मामला ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत दर्ज किया गया है, जिसके जरिए रेलवे परिसर में खोए या संकट में फंसे बच्चों की मदद की जाती है।
तीनों बच्चे आपस में भाई-बहन हैं। बड़ा भाई संजू सिंह 11 साल, बहन खुशबू 10 साल और सबसे छोटी बहन किरण 6 साल की है। उनके पिता का नाम चेलू सिंह है। बच्चों ने बताया कि वे चित्रकूट स्टेशन के पास खेल रहे थे। खेलते-खेलते बच्चे एक ट्रेन में चढ़ गए और सीटों पर बैठकर बातें करने लगे। जब ट्रेन चल पड़ी तो उन्हें लगा कि यह भी खेल का हिस्सा है, इसलिए वे डरे नहीं। थोड़ी देर बाद ट्रेन प्रयागराज जंक्शन पहुंची, तो तीनों उतर गए।
लेकिन जैसे ही वे स्टेशन के बाहर आए, उन्हें महसूस हुआ कि वे अपने गांव से बहुत दूर आ गए हैं। अनजान जगह देखकर तीनों डर गए और रोने लगे। उसी समय आरपीएफ के उप निरीक्षक गौरव और उनकी टीम की नजर उन पर पड़ी। टीम ने बच्चों से प्यार से बात की, लेकिन डर के कारण बच्चे ठीक से कुछ नहीं बता पाए। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपने नाम और गांव की जानकारी दी।
आरपीएफ टीम ने बच्चों को सुरक्षित अपने पोस्ट पर लाया। वहां जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उन्हें चाइल्ड लाइन प्रयागराज के सुपरवाइजर के हवाले कर दिया गया ताकि उनकी सही देखभाल हो सके। मंडल पीआरओ अमित कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों के परिवार वालों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है,रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि अगर कभी किसी स्टेशन या ट्रेन में कोई बच्चा अकेला या खोया हुआ दिखे, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 139 पर सूचना दें।