दाल मंडी में एक बार फिर रविवार को पीडब्ल्यूडी और पुलिस की टीम ध्वस्तिकरण की कार्रवाई के लिए पहुंची। व्यापारियों ने प्रशासन से दो दिन की मोहलत मांगी लेकिन प्रशासन ने मना कर दिया।
वाराणसी : दाल मंडी में एक बार फिर रविवार को पीडब्ल्यूडी और पुलिस की टीम ध्वस्तिकरण की कार्रवाई के लिए पहुंची। पुलिस सीधे लक्ष्मी कटरा पहुंची और इसकी 14 दुकानों को खाली करने का अल्टीमेटम दिया, जबकि दुकानदार दोपहर में पीडब्ल्यूडी के कैंप कार्यालय पहुंचे थे और 2 दिन की मोहलत मांगी थी। लेकिन पुलिस और प्रशासन ने उन्हें कोई मोहलत नहीं दी और उनसे तुरंत दुकान खाली करने को कहा।
दाल मंडी में दुकानदार दुकान खाली कर रहे हैं। वहीं, लक्ष्मी कटरा में ऊपरी मंजिल से ध्वस्तिकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अभी छत को तोड़ा जा रहा है। वहीं, लगातार अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि दुकान को जल्द से जल्द खाली करें। गौरतलब है कि यह दाल मंडी पूर्वांचल की सबसे बड़ी थोक मंडी है जिसे तोड़कर चौड़ा किया जा रहा है।
इस दाल मंडी के चौड़ीकरण को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन के तौर पर करने के लिए निर्देशित किया था, जिसके बाद 29 अक्टूबर को इसके ध्वस्तिकरण की कार्रवाई शुरू की कर दी गई। दाल मंडी में करीब 187 मकान को ₹191 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, 187 मकान में करीब 1200 से 1500 दुकानें हैं जो किराए पर चलती हैं। दुकानदारों में आक्रोश है कि हमें कोई मुआजा या कंपनसेशन नहीं मिला जबकि मकान मालिकों को करोड़ों रुपए का मुआवजा मिलेगा।
दाल मंडी की यह गली 200 से 300 साल पुरानी है और यह काफी संकरी है। बता दें कि विश्वनाथ मंदिर से करीब 100 मीटर दूर खुलने वाली इस गली से श्रद्धालुओं को सीधे मंदिर तक पहुंचाने की योजना हैं, ऐसे में इसे मॉडल सड़क के रूप में बनाया जाएगा। दोनों तरफ तीन-तीन फीट के पाथवे होंगे और यहां गैस, सीएनजी और सीवर लाइन अंडरग्राउंड होगी। इसमें साथ ही पेयजल की लाइन भी अंडरग्राउंड बनाई जाएगी। दोनों पाथवे पर ग्रीनरी की जाएगी और सड़क को मॉडल की तर्ज पर बनाया जाएगा बनाया जाएगा।