Varanasi News: राजातालाब तहसील में टाउनशिप योजना के लिए नोटिफाइड जमीन को बलिया के व्यक्ति के नाम करने के मामले में डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है। डीएम ने तत्काल प्रभाव से एसडीएम का तबदला कर दिया है।
Varanasi News: राजातालाब तहसील के दाउदपुर गांव में शासन द्वारा चिह्नित की गई टाउनशिप योजना की नोटिफाइड जमीन बलिया के एक व्यक्ति के नाम किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में जहां पहले दिन एसडीएम ने तहसील के कानूनगो और लेखपाल को नोटिस दी थी पर मामले की गंभीरता को देखते हुए जब डीएम एस राजलिंगम ने संज्ञान लिया तो इस भ्रष्टाचार की श्रेणी में रखते हुए एसडीएम राजातालाब शैलेन्द्र कुमार का तबादला कर दिया। वहीं एसडीएम के पेशकार, कानूनगो और तत्कालीन लेखपाल को निलंबित कर दिया। डीएम ने तीन दिन में इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने का निर्देश दिया है। फिलहाल राजेश कुमार को राजातालाबा तहसील का एसडीएम बनाया गया है।
उच्चधिकारियों को बिना बताए किया काम
राजातालाब के दाउदपुर में टाउनशिप योजना के लिए मुख्य सचिव ने नीलामी के लिए अधिसूचना जारी की है। इसके लिए मंडलायुक्त और डीएम की सदस्य्ता में एक कमेटी का गठन किया गया था। इसी बीच राजातालाब एसडीएम शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने बिना किसी आदेश और उच्चाधिकारियों को संज्ञान में लिए ही नोटिफाइड जमीन का एक हिस्सा बलिया के कमलदेव यादव के नाम कर दी। मामले की जानकारी हुई तो एडीएम वंदिता श्रीवास्तव ने इस मामले की जांच की है।
एडीएम की जांच में हुआ खुलासा
एडीएम की जांच में यह खुलासा हुआ कि एसडीएम शलेंद्र कुमार मिश्रा के पेशकार हेमंत कुमार संत, तत्कालीन लेखपाल लक्ष्मण गिरी और कानूनगो महेंद्र गिरी ने जानकारी के बावजूद लापरवाही करते हुए गलत रिपोर्ट लगाईं। इस प्रकरण की जांच के बाद 8 सितंबर 2023 को फिल्ड बुक की पुष्टि को निरस्त कर दिया गया है। वहीं डीएम ने अगले 3 दिनों में एफआईआर भी दर्ज करने का निर्देश दिया है।
अधर में लटक गई थी योजना
साल 2009 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने हाईटेक राउनशिप पॉलिसी के तहत पीपीपी मॉडल पर ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट लांच किया था। इसमें 1000 एकड़ जमीन में कार्य शुरू होना था। वाराणसी में यूनिटेक ने इसके लिए 100 एकड़ जमीन का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद कंपनी ने करीब 252 एकड़ की जमीन की रजिस्ट्री कराई थी जो की कई हिस्से में हैं। इसी बिच नोएडा और गाजियाबाद में यूनिटेक ग्रुप ऑफ हाउसिंग का मामला सुप्रीमकोर्ट जाने के बाद बनारस में भी काम ठप्प हो गया पर इन सभी जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगी है।