वाराणसी

वाराणसी जेल में कैदियों ने किया रामलीला का मंचन, सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर लेते हैं भाग

वाराणसी में रामलीला की तैयारी तीन महीने पहले से शुरू होती है। पात्रों को रामलीला पाठ की शिक्षा दी जाती है, और जब मंचन शुरू होता है, तो ऐसा लगता है कि यह दृश्य अयोध्या नगरी का है।

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Oct 06, 2024

नवरात्रि और दशहरे के अवसर पर देशभर में रामलीला का आयोजन हो रहा है। इसी क्रम में वाराणसी के केंद्रीय कारागार में एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है। यहां कुख्यात अपराधी रामचरित मानस का पाठ कर रहे हैं और राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रण ले रहे हैं।

इस रामलीला की तैयारी तीन महीने पहले से शुरू होती है। पात्रों को रामलीला पाठ की शिक्षा दी जाती है, और जब मंचन शुरू होता है, तो ऐसा लगता है कि यह दृश्य अयोध्या नगरी का है।

वरिष्ठ अधीक्षक राधा कृष्ण मिश्र ने इस रामलीला के बारे में जानकारी देते हुए आईएएनएस को बताया, “रामलीला तो अक्सर होती है, लेकिन एक अनोखी रामलीला इस बार केंद्रीय जेल में आयोजित की जा रही है। यह रामलीला गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि रामायण को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इसके लिए जेल के चिकित्सक डॉ. अक्षय सिंह ने अलग-अलग पात्रों के संवादों को बड़ी मेहनत से तैयार किया है। इसकी तैयारी लगभग डेढ़ से दो महीने पहले शुरू होती है ताकि मंचन के समय यह प्रभावी और आकर्षक हो सके।”

जेल में तकनीकी कौशल पर भी दिया जाता है ध्यान

उन्होंने आगे कहा, “उत्तर प्रदेशसरकार और जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए बंदियों का चारित्रिक उत्थान, आध्यात्मिक और तकनीकी विकास किया जाए। जेल में तकनीकी कौशल पर भी ध्यान दिया जाता है। यहां पर विभिन्न एनजीओ के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। इस रामलीला में सभी भूमिकाएं बंदियों द्वारा ही निभाई जाती हैं, और इसके लिए उन्हें समय दिया जाता है।

जेल में भक्ति का रहता है माहौल

उन्होंने कहा, "पिछले साल जब मैं आया था, तब मैंने देखा था कि बंदियों की संवाद शैली और मंचन की तैयारी बहुत प्रभावी थी। इससे उन्हें अपनी महत्ता समझने का मौका मिलता है और उनका मानसिक, शारीरिक और चारित्रिक विकास होता है। जेल में लगभग नौ से दस दिन तक भक्ति का माहौल रहता है। उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि बंदियों में आध्यात्मिक और नैतिक मूल्य विकसित हों। जिन बंदियों ने इस रामलीला में भूमिका निभाई है, वे अधिकतर गंभीर धाराओं में हैं, जैसे हत्या के मामले (धारा 302), और यहां लंबी सजा काट रहे हैं। अंडर ट्रायल बंदी यहां बहुत कम हैं।”

Updated on:
06 Oct 2024 02:29 pm
Published on:
06 Oct 2024 02:28 pm
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