न्यूट्रिशनिस्ट शिल्पी गोयल ने कहा अक्सर लड़कियां अपने फिगर को लेकर चिंतित रहती हैं। इसी चिंता में वे खाना बेहद कम कर देती हैं। इसे स्टारवेशन डाइट कहते हैं।
न्यूट्रिशनिस्ट शिल्पी गोयल ने कहा अक्सर लड़कियां अपने फिगर को लेकर चिंतित रहती हैं। इसी चिंता में वे खाना बेहद कम कर देती हैं। इसे स्टारवेशन डाइट कहते हैं। यह एक खतरनाक प्रयास हो सकता है। मील स्किप करने से बार-बार भूख लगने की समस्या होती है जो शरीर के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है।
स्टारवेशन डाइट से कैलोरी की कमी होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। यह शरीर को ऊर्जा का स्रोत बनाने के लिए मसल्स को बर्न करता है। इससे मेटाबॉलिक रेट कम होती है।
इस डाइट से शरीर में पोषण घट जाता है, जिससे विटामिन, मिनरल और प्रोटीन की कमी होती है। यह शरीर को कमजोर बनाता है और थकावट लाता है।
लंबे समय तक स्टारवेशन डाइट फॉलो करने से मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं। जैसे खाने के प्रति रुचि घटना, दुखी मूड, एनोरेक्सिया या बुलिमिया डिसऑर्डर।
स्टारवेशन डाइट से शारीरिक क्षमता कमजोर होने लगती है। अत्यधिक थकावट होने लगती है और हड्डियों में कमजोरी आने लगती है।
कैलोरी कम करने के लिए अपने आहार में प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें। मौसमी फलों और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।
हर दिन कुछ समय निकालकर व्यायाम करें। यह हड्डियों को मजबूती देगा।
जीरो साइज फिगर के बजाय हेल्दी वजन को मेंटेन करने के लिए काम करें। खुद को स्टारवेशन डाइट से दूर रखें और स्वस्थ और संतुलित डाइट लें। सही पोषण और नियमित व्यायाम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं।
शिल्पी गोयल, न्यूट्रिशनिस्ट, रायपुर