ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एआई डीपफेक टूल्स पर बैन लगाने का फैसला लिया है। संचार मंत्री अनिका वेल्स ने मंगलवार को यह घोषणा की है।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एआई और डीपफेक टूल्स को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। मंगलवार को हुई इस घोषणा के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई सरकार एब्युसिव टेक्नोलॉजी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने जा रही है। इस दौरान ऐसे न्यूड डीपफेक एआई टूल्स को भी बैन किया जाएगा जो कि आर्टिफिशियल तरीके से किसी भी तरह की गलत या अपनानजनक तस्वीरें बनाने में माहिर है।
संचार मंत्री अनिका वेल्स ने यह जानकारी देते हुए बताया कि, डीपफेक सामग्री उत्पन्न करने वाले ऐसे ऑनलाइन स्टॉकिंग टूल्स और एआई ऐप्स जो आसानी से पकड़ में नहीं आते है, उन तक लोगों की पहुंच को रोकने के लिए सरकार तकनीकी उद्योग के साथ मिलकर काम करेगी। वेल्स ने कहा, ऑस्ट्रेलिया में एआई और वैध ट्रैकिंग तकनीक की जगह है, लेकिन लोगों और खासकर हमारें बच्चों को नुकसान पहुंचाने के लिए काम में लिए जाने वाले ऐप्स और तकनीकों के लिए यहां कोई जगह नहीं है।
वेल्स ने बताया कि, यह कार्रवाई उन मौजूदा कानूनों का पूरक होगी जो स्टॉकिंग और यौन रूप से स्पष्ट सामग्री के बिना सहमति के वितरण को प्रतिबंधित करते हैं। बता दे कि, ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। जुलाई में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने यह बैन लगाया था। यह नया कानून भी गलत टूल्स तक बच्चों को पहुंचने से रोकने की जिम्मेदारी सेवा प्रदाता कंपनियों पर ही डालेगा।
अल्बानीज़ और संचार मंत्री अनिका वेल्स ने कैनबरा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बयान दिया। उन्होंने कहा, संघीय सरकार ने अपने ऑनलाइन सुरक्षा नियामक, ई-सुरक्षा आयुक्त की उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है जिसमें यू ट्यूब को सोशल मीडिया प्रतिबंध में शामिल करने की बात कही गई है। यूट्यूब को शुरुआत में अपनी शिक्षा और स्वास्थ्य सामग्री के कारण प्रतिबंध से छूट दी गई थी। उन्होंने आगे कहा कि, सरकार समाज को नुकसान पहुंचाने वाले सोशल मीडिया एप्स के खिलाफ कार्रवई करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।