Ban on Awami League in Bangladesh: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया है।
Ban on Awami League in Bangladesh: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) की पार्टी अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंध (Ban on Awami League) लगा दिया है। यह निर्णय हजारों प्रदर्शनकारियों की मौत की जांच और राष्ट्रीय एकता की मांग के बाद लिया गया है। ध्यान रहे कि नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार (Bangladesh interim government) का नेतृत्व कर रहे हैं, जिन्होंने राजनीतिक सुधार और सच्चाई-सुलह आयोग की स्थापना करने की घोषणा की है।
यूनुस सरकार ने कहा कि यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा, जब तक अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में अवामी लीग और उसके नेताओं पर चल रहे मामलों में अंतिम फैसला नहीं आ जाता। अवामी लीग पार्टी की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित होकर प्रतिबंधित हो चुकी है।
उधर पूर्व प्रधानमंत्री हसीना वर्तमान में भारत में निर्वासित हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार के फैसले को "अवैध" बताया। इस बीच खालिदा जिया की बांग्लादेश वापसी ने आगामी चुनावों पर दबाव बढ़ा दिया है, हालांकि यूनुस ने संकेत दिए हैं कि चुनाव 2026 तक टाले जा सकते हैं।
छात्र नेता और नेशनल सिटिजन पार्टी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने सरकार के फैसले की सराहना की है,लेकिन 1949 में स्थापित अवामी लीग ने इस फैसले को नाजाइज बताते हुए अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट किया: “अवैध सरकार के सभी फैसले अवैध हैं।”
उल्लेखनीय है कि हसीना 5 अगस्त से भारत में निर्वासन में रह रही हैं, उनके जाने के तुरंत बाद बांग्लादेश में उनके आधिकारिक आवास पर भी प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया। इस महीने की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ब्रिटिश राजधानी लंदन में चार महीने के चिकित्सा उपचार के बाद ढाका लौट आई हैं, जिससे अंतरिम सरकार पर राष्ट्रीय चुनावों की तारीख तय करने का दबाव बढ़ गया।