
Indian Prime Minister Narendra Modi, Chinese President Xi Jinping and Bangladeshi Interim Leader Muhamamd Yunus
बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार के लीडर मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) हाल ही में चार दिवसीय चीन (China) दौरे पर गए थे। चीन में यूनुस ने चाइनीज़ राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से मुलाकात की और दोनों के बीच कई अहम विषयों पर बातचीत भी हुई। भारत (India) से तकरार के चलते यूनुस ने चीन की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया और भारत के खिलाफ जहर उगलने से भी पीछे नहीं रहे। ऐसे में चीन, भारत-बांग्लादेश की तकरार का फायदा उठा सकता है।
यूनुस की तरफ से बढ़ाए दोस्ती के हाथ को जिनपिंग ने भी मिलाया और इसी के तहत चीन अब बांग्लादेश में निवेश को बढ़ाएगा। यूनुस ने चीन को बांग्लादेश में निवेश करने का न्यौता दिया है और आने वाले समय में ऐसा 'ड्रैगन' ऐसा करेगा भी। चीन, बांग्लादेश में कई प्रोजेक्ट्स में निवेश करेगा, जिससे बांग्लादेश में रोजगार भी बढ़ेगा और देश की आर्थिक स्थिति में कुछ समय के लिए सुधार होगा।
साउथ एशिया में भारत और चीन, दोनों का ही काफी प्रभाव है। ऐसे में भारत को टक्कर देने के लिए चीन 'डेथ ट्राइएंगल' का इस्तेमाल करेगा। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि यह 'डेथ ट्राइएंगल' क्या है? श्रीलंका के हम्बनटोटा, पाकिस्तान के ग्वादर और बांग्लादेश के चटगांव में बने पोर्ट्स को ही 'डेथ ट्राइएंगल' कहा जाता है और इसके ज़रिए चीन, साउथ एशिया में अपना बिज़नेस बढ़ाने पर जोर देगा।
चीन की मदद शुरुआत में तो बांग्लादेश को काफी फायदेमंद लगेगी, लेकिन लॉन्ग टर्म में उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। चीन की आर्थिक मदद से लॉन्ग टर्म में बांग्लादेश पर कर्ज़ बढ़ेगा, जिससे न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था पर मार पड़ेगी, बल्कि महंगाई में भी इजाफा होगा। चीन की मदद से पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों में भी ऐसे हालत पैदा हो चुके हैं। ऐसे में बांग्लादेश में आगे जाकर घातक राजनीतिक अस्थिरता पैदा होने की भी संभावना है।
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Published on:
02 Apr 2025 12:50 pm
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