बांग्लादेश में अगले चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। शेख हसीना और उनके परिवार के 9 सदस्यों के वोटर कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं, जिससे उन्हें वोटिंग से रोक दिया गया है। इसके साथ ही अवामी लीग का चुनाव चिह्न भी हटाया गया है, जिससे चुनाव में उनकी भागीदारी पर सवालिया निशान लग गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के कई सदस्य अगले साल फरवरी में होने वाले चुनाव में वोटिंग नहीं कर सकेंगे। उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। स्थानीय मीडिया के हवाले से यह खबर सामने आई है।
निर्वाचन आयोग (ईसी) के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद ने बुधवार को स्पष्ट किया कि जिन लोगों का राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) ब्लॉक है, वे विदेश से वोट नहीं डाल सकेंगे।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों ने मुकदमों या अन्य कारणों से देश छोड़ा है, उन्हें वोट डालने की अनुमति है, लेकिन इसके लिए उनका एनआईडी सक्रिय होना अनिवार्य है।
चुनाव अधिकारी ने कहा कि विदेश से वोट डालने के लिए मतदाता को एनआईडी नंबर के साथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। पासपोर्ट से यह काम नहीं होगा। अगर किसी का एनआईडी ब्लॉक है, तो वे रजिस्टर नहीं कर सकते और वोट नहीं डाल पाएंगे।
केवल एनआईडी के साथ रजिस्टर करने वालों को ही यह मौका मिलेगा। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या शेख हसीना वोट दे पाएंगी, तो उन्होंने कहा कि वह वोट नहीं दे पाएंगी, क्योंकि उनका एनआईडी ब्लॉक कर दिया गया है।
राष्ट्रीय पहचान पंजीकरण विंग ने अपने महानिदेशक, एएसएम हुमायूं कबीर के मौखिक निर्देश के बाद हसीना और उनके परिवार के नौ सदस्यों की एनआईडी को 'लॉक' कर दिया था।
परिवार के सदस्यों में शेख रेहाना सिद्दीकी, सजीब वाजेद जॉय, साइमा वाजेद, शाहनाज सिद्दीकी, बुशरा सिद्दीकी, ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीकी, अजमीरा सिद्दीकी, राडवान मुजीब सिद्दीकी और तारिक अहमद सिद्दीकी शामिल हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जुलाई की शुरुआत में चुनाव आयोग ने देश में पार्टी के दशकों पुराने राजनीतिक अस्तित्व को समाप्त करने के प्रयास में हसीना की अवामी लीग पार्टी के चुनाव चिह्न को अपनी वेबसाइट से हटा दिया था।
12 मई को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने एक राजपत्र अधिसूचना जारी कर अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
यह प्रतिबंध 'आतंकवाद विरोधी अधिनियम' के तहत तब तक लगाया गया है जब तक कि बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमा पूरा नहीं हो जाता।
विश्लेषकों का मानना है कि यह ताजा घटनाक्रम पूर्व प्रधानमंत्री हसीना और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा की जा रही राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई का विस्तार है, जिसमें अवामी लीग को राष्ट्रीय चुनावों में भाग लेने से दूर रखने की बड़ी योजना है।