भारतीय मूल के टेलीकॉम उद्यमी बंकिम ब्रह्मभट्ट पर ब्लैकरॉक के निवेश फंड को 500 मिलियन डॉलर का धोखा देने का आरोप, फर्जी इनवॉयस और कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए लोन धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
अमेरिका की दिग्गज निवेश कंपनी ब्लैकरॉक को झटका लगने के बाद भारतीय मूल के टेलीकॉम उद्यमी बंकिम ब्रह्मभट्ट पर 500 मिलियन डॉलर (करीब 4,200 करोड़ रुपये) के फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप लगा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रह्मभट्ट की अमेरिका स्थित कंपनियों ने लोन के बदले नकली इनवॉयस और अकाउंट्स रिसीवेबल गढ़कर धोखा दिया, जिससे ब्लैकरॉक की प्राइवेट क्रेडिट आर्म HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स को भारी नुकसान हुआ।
ब्रह्मभट्ट, जो बैंकाई ग्रुप के फाउंडर हैं और 30 साल से ज्यादा टेलीकॉम सेक्टर में सक्रिय हैं, उनकी कंपनियां ब्रॉडबैंड टेलीकॉम, ब्रिजवॉयस और कैरिऑक्स कैपिटल पर यह आरोप हैं कि उन्होंने 2018 से ही फर्जी ग्राहक लिस्ट, ईमेल डोमेन और कॉन्ट्रैक्ट बनाए। इनका इस्तेमाल लोन का कोलैटरल दिखाने के लिए किया गया। HPS ने सितंबर 2020 में पहला लोन दिया, जो 2021 में 385 मिलियन डॉलर और अगस्त 2024 तक 430 मिलियन डॉलर तक बढ़ गया। कुल बकाया अब 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुका है।
जुलाई 2024 में HPS के एक कर्मचारी को संदिग्ध ईमेल मिले, जो वास्तविक टेलीकॉम कंपनियों के डोमेन की नकल लग रहे थे। ब्रह्मभट्ट से सवाल करने पर उन्होंने आश्वासन दिया, लेकिन उसके बाद फोन तक नहीं उठाया। जांच में पता चला कि पिछले दो सालों में हर ग्राहक ईमेल फर्जी था। यहां तक कि 2018 का एक कॉन्ट्रैक्ट बेल्जियन कंपनी BICS के नाम पर जाली निकला, जिसने इसे 'कन्फर्म्ड फ्रॉड अटेम्प्ट' बताया। फंड्स को भारत और मॉरीशस के ऑफशोर अकाउंट्स में ट्रांसफर किया गया।
भारतीय मूल के ब्रह्मभट्ट ने बैंकाई ग्रुप की स्थापना की, जो ग्लोबल टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विसेज देती है। उनकी कंपनियां अमेरिका में छोटे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को सपोर्ट करती थीं। लेकिन अब यह स्कैम प्राइवेट क्रेडिट मार्केट की बढ़ती धोखाधड़ी की मिसाल बन गया है, जहां हाल ही में ऑटो पार्ट्स मेकर फर्स्ट ब्रांड्स और ट्रिकलर जैसे केस सामने आए। हालांकि, ब्रह्मभट्ट के वकील ने आरोपों से इनकार किया है, लेकिन कोर्ट में जवाब देना बाकी है। HPS ने क्विन इमैनुएल लॉ फर्म और CBIZ को जांच सौंपी है।