विदेश

चीन में मंदिर के मुख्य मठाधीश ने कई महिलाओं से अवैध संबंध बनाए, गुस्साए लोगों ने की हत्या,पढ़िए पूरी कहानी

Shaolin Monk Corruption: चीन के शाओलिन मठाधीश की हत्या ने मंदिरों में बढ़ते भ्रष्टाचार और वाणिज्यीकरण का सच उजागर किया है।

2 min read
Sep 18, 2025
चीन के शाओलिन मठाधीश की हत्या कर दी गई। (फोटो:शाओलिन कुंगफू एकेडमी.)

Shaolin Monk Corruption: चीन के प्रसिद्ध शाओलिन मठ (Shaolin Monastery) के मुख्य मठाधीश शी योंगक्सिन पर महिलाओं से अवैध संबंध (illicit relationship) बनाने और मंदिर की संपत्ति (Shaolin Monk Corruption) का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगे। इससे लोग बहुत नाराज़ हुए और अंत में उन्होंने उनकी हत्या कर दी। आइए जानते हैं पूरी कहानी। द गार्जियन के अनुसार शी योंगक्सिन (Xi Yongxin) शाओलिन मठ के प्रमुख थे। उन्होंने मठ को एक बड़ा व्यापारिक केंद्र बना दिया था। मंदिर अब सिर्फ पूजा का स्थान नहीं रहा, बल्कि भारी आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बन गया। शी पर आरोप लगे कि उन्होंने मंदिर की संपत्ति का गलत इस्तेमाल कर निजी फायदे कमाए और कई महिलाओं के साथ अवैध संबंध बनाए।

ये भी पढ़ें

EX PM के पोते प्रज्वल रेवन्ना पर 50 महिलाओं के साथ रेप का आरोप, एक साल पहले बेंगलुरु एयरपोर्ट से किया था गिरफ्तार

आरोपों के बाद हुई कार्रवाई

जब जुलाई 2025 में ये आरोप सामने आए, तो शी की जांच शुरू हुई। दो हफ्ते में उन्हें उनके पद से हटा दिया गया और भिक्षुत्व से भी बाहर कर दिया गया।

मंदिरों की बढ़ती अर्थव्यवस्था और उसकी वजह

चीन में मंदिरों की कमाई बहुत तेजी से बढ़ रही है। अब ये जगहें बड़े आर्थिक और वाणिज्यिक केंद्र बन चुकी हैं। होटल, गोल्फ कोर्स और स्कूल जैसी बड़ी परियोजनाएं मंदिरों के अधीन चल रही हैं।

अन्य भिक्षुओं पर भी आरोप

शी योंगक्सिन अकेले नहीं थे। अगस्त में हांग्जो के लिंगयिन मंदिर में भी भिक्षुओं के भ्रष्टाचार का वीडियो वायरल हुआ। जुलाई में एक और भिक्षु वू बिंग पर भी आरोप लगे कि उन्होंने गरीबों के लिए आए दान का गलत इस्तेमाल किया।

सरकार की कार्रवाई और सवाल

चीन सरकार ने मंदिरों की आर्थिक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया है। धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग रोकना जरूरी हो गया है ताकि मंदिर अपने धार्मिक और सामाजिक उद्देश्य पर टिके रहें।

क्या मंदिरों का व्यापार धर्म की पवित्रता को नुकसान पहुंचा रहा है?

शाओलिन मठाधीश की हत्या और मंदिरों में फैले भ्रष्टाचार ने यह सवाल उठाया है कि क्या मंदिरों का बढ़ता वाणिज्यीकरण उनकी पवित्रता और मकसद को कमजोर कर रहा है?

Also Read
View All

अगली खबर