एक अंतर्राष्ट्रीय अखबार में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ भारत ही ऐसा देश नहीं है जहां लड़कियां घर छोड़कर भाग रही हैं। यहां हम आपको उन देशों के नाम और लड़कियों के घर छोड़कर जाने के कारणों के बारे में बता रहे हैं।
इस दुनिया में लड़कियों को समानता का अधिकार लेने के लिए लंबे वक्त तक संघर्ष करना पड़ा है। लेकिन आज भी दुनिया के कई हिस्सों में ये समानता अब तक नहीं आई है। क्योंकि नारी सशक्तिकरण तभी हो सकता है, जब हर कोई स्त्रियों को आगे बढ़ने में अपना योगदान दे सके। लेकिन जब उन्हें ये मदद नहीं मिलती तब वो अपना घर और वो समाज छोड़ने को मजबूर हो जाती हैं जो उन्हें आगे बढ़ने से रोक देता है। एक अंतर्राष्ट्रीय अखबार में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ भारत ही ऐसा देश नहीं है जहां लड़कियां घर छोड़कर भाग रही हैं। यहां हम आपको उन देशों के नाम और लड़कियों के घर छोड़कर जाने के कारणों के बारे में बता रहे हैं।
इस रिपोर्ट में लड़कियों के घर छोड़ कर भागने की कई वजह बताई गई हैं। जिनमें सामाजिक ,आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं को गिनाया गया है। इसके अलावा जाति-धर्म और सुरक्षित स्थान न होना भी इन कारणों में शामिल हैं।
भारत के अलावा भी कई देश हैं जहां लड़कियां घर छोड़ कर भागती हैं।
पाकिस्तान : पकिस्तान में लड़कियों को उनके धर्म को बदलने के लिए मजबूर और परेशान किया जाता है उन पर अत्याचार किया जाता हैं। उन्हें धमकाना और उन पर हिंसा करना और उन्हें अपमानित करना घर छोड़ ने के कारणों में शामिल होता हैं।
अफ़ग़निस्तान: अफगानिस्तान में लड़कियों को शिक्षा और स्वतंत्रता का सामना करना पड़ता है। तालिबान के शासन के समय और अब भी , लड़कियां अपने बेहतर और सफल भविष्य की तलाश में घर छोड़ने पर मजबूर होती हैं।
बांग्लादेश: बांग्लादेश में लड़कियों के घर छोड़ कर भागने के पीछे कई कारण गिनाए गए हैं। जिसमें सबसे अहम है गरीबी और विकास की कमी, जिसके चलते उन्हें शिक्षा, आज़ादी और रोजगार की तलाश में घर से दूर अपनी जीवन को सुधारने के लिए दूसरी जगहों की तरफ रुख करना पड़ता है।
नाइजीरिया : नाइजीरिया में लड़कियां इसलिए घर छोड़ कर भागती हैं क्योंकि ये देश हिंसा, अपहरण और आंतकवाद से ग्रस्त है। वहां बोको हराम जैसे आंतकवादी संगठन का खतरा हर वक्त मंडराता रहता है ये बिल्कुल वैसा है, जैसा कि इराक और सीरिया में ISIS का खौफ था। इसलिए यहां लड़कियां अपनी सुरक्षा के लिए घर छोड़ देती है।
इन सभी कारणों की वजह से लड़कियां अपना घर तो छोड़ देती हैं लेकिन हर किसी को इसके बाद भी सुकून नहीं मिलता। घर छोड़ने के बाद अनजान देश में जाना और वहां पर सेटल होना उससे भी ज्यादा मुश्किल भरा होता है। उन्हें कई बार बुरी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता हैं। रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए समाज को जागरूक होना होगा। शिक्षा ,रोजगार, और कानूनी सहायता के जरिए लड़कियों को शक्तिशाली और स्वतंत्र बनाना जरुरी है। इसके लिए सरकार और गैर सरकारी समूहों को मिलकर काम करना होगा ताकि लड़कियों को एक सुरक्षित और सम्मानित जीवन मिल सके।