वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिसकी मदद से अब डिजाइनर बच्चे पैदा किए जा सकते हैं। इस तकनीक में भ्रूण के डीएनए में बदलाव किए जाते हैं और यह प्रोसेस आईवीएफ के दौरान होता है।
बदलते समय के साथ तकनीक में काफी बदलाव होने लगा है। अब हर चीज पहले से बेहतर और पहले से एडवांस होने लगी है। आज के समय में लोग हर चीज डिजाइनर और अपनी पसंद के हिसाब से बनवाने लगे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि अब आप गाड़ियों और कपड़ों के साथ-साथ अपने बच्चे भी अपनी पसंद के अनुसार डिजाइन करा सकते हैं। जी हां, अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक तैयार कर ली है जिसकी मदद से माता-पिता अपनी पसंद से डिजाइनर बच्चे तैयार कर सकते हैं।
इस 'डिजाइनर बेबी' तकनीक की मदद से मां-बाप अपने होने वाले बच्चे का रंग, रूप और फेस के फीचर्स खुद तय कर सकेंगे। अगर आपको अपने बच्चे की आंखें बड़ी, नीली या फिर हरी चाहिए हों तो आप इस तकनीक की मदद से तय कर सकते हैं। इसी तरह आपके बच्चे के चेहरे का आकार कैसा होगा और उसका रंग कैसा होगा वह भी आपकी पसंद के हिसाब से किया जा सकता है।
यह बात सुनने में भले ही किसी साइंस फिक्शन स्टोरी जैसी लगती है लेकिन यह 'डिजाइनर बेबी' तकनीक की मदद से सच में संभव हो सकता है। इस तकनीक में साइंस की मदद से होने वाले बच्चे के जीन को एडिट किया जा सकता है। इस तरह जीन में बदलाव करके अपनी पसंद के अनुसार बच्चे को रंग-रूप दिया जा सकता है। इस तकनीक की मदद से वैज्ञानिक बच्चे के आंखों के रंग से लेकर उसके बालों का स्टाइल और यहां तक की उसका दिमाग भी डिजाइन कर सकते हैं।
इस तकनीक में भ्रूण के डीएनए में बदलाव किए जाते हैं और यह प्रोसेस आईवीएफ के दौरान होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका मकसद बच्चे को माता-पिता से मिलने वाली जेनेटिक बीमारियों से बचाना होता है। आम भाषा में समझे तो यह तकनीक एक कैंची की तरह काम करती है, जो कि भ्रूण के डीएनए के खराब हिस्सों को काटकर अलग कर देती है और उसकी जगह अच्छे जीन्स जोड़ दिए जाते हैं। मनचाहा बच्चा पाने की यह तकनीक सुनने में भले ही कितनी भी रोचक लगे, लेकिन यह नैतिक रूप से गलत है और इसी के चलते कई देशों ने इसे बैन कर रखा है। इस 'डिजाइनर बेबी' तकनीक की मदद से पहली बार 2018 में, चीन में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया गया था।