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AI में भारी भरकम निवेश के बावजूद भी नहीं मिल रहा फायदा, जानें क्या है इसके पीछे की वजह?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI को लेकर दुनिया भर में कोतूहल है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसकी ग्लोबल इकॉनोमी 6 ट्रिलियन डॉलर तक हो सकती है, क्या यह भी डॉटकॉम बबल की तरह फट सकता है। पढ़िए पूरी खबर...

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Aug 26, 2025
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (फोटो- पत्रिका)

एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भागीदारी ग्लोबल इकोनॉमी में 6 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है। कंपनियों को 600 अरब डॉलर सालाना कमाई की उम्मीद है। लेकिन प्रोजेक्ट फेल होते रहे तो यह सेक्टर डॉटकॉम बबल की तरह फट सकता है।

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क्या है डॉट कॉम बबल?

डॉट कॉम बबल वह दौर है, जब 1990 के दशक के अंत में इंटरनेट कंपनियों में अंधाधुंध निवेश हुआ। बिना ठोस बिजनेस मॉडल के शेयरों के दाम तेजी से बढ़े और 2000-2001 में बाजार ध्वस्त हो गया। इधर गूगल ने भी रिक्रूटमेंट प्रॉसेस में एआइ धोखाधड़ी पर सख्ती की है।

क्यों फेल हो रहे प्रोजेक्ट्स

रिपोर्ट ’द जेनएआइ डिवाइड: स्टेट ऑफ एआई बिजनेस 2025’ के अनुसार आधे से ज्यादा बजट सेल्स और मार्केटिंग ऑटोमेशन पर खर्च हो रहे हैं, जबकि लॉजिस्टिक्स, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और ऑपरेशन जैसे अहम क्षेत्रों में निवेश कम है। कंपनियां बिना कस्टमाइजेशन के बड़े भाषा मॉडल अपना रही हैं, जिससे पायलट प्रोजेक्ट्स तो शुरू होते हैं, लेकिन बडे़ पैमाने पर नाकाम हो जाते हैं। एमआइटी के ट्रायल में पाया गया कि उन्नत मॉडल भी दफ्तर के सिर्फ 30 फीसदी काम ही विश्वसनीय तरीके से कर पा रहे हैं।

कैंब्रिज स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) की नई स्टडी में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( जेनएआइ) की हकीकत उजागर हुई है। स्टडी से पता चला कि 2025 की पहली छमाही में 44 अरब डॉलर निवेश के बाद भी 95 प्रतिशत कॉरपोरेट प्रोजेक्ट्स नाकाम साबित हुए हैं। इन AI प्रोजेक्ट्स से प्रोडक्टिविटी और रेवेन्यू ग्रोथ के ठोस नतीजे नहीं मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि AI का भविष्य केवल तकनीकी प्रगति पर नहीं, बल्कि कंपनियाें की ओर से AI उपयोग को ड्यूरेबल बिजनेस वैल्यू में बदलने पर करेगा।

AI के सही उपयोग में स्टार्टअप्स आगे

रिपोर्ट के अनुसार छोटे स्टार्टअप्स बेहतर उपयोग से तेजी से सफल हो रहे हैं। कुछ ने साझेदारियों के जरिये 20 मिलियन डॉलर तक की आय एक साल में अर्जित की। वहीं बड़ी कंपनियां कई छोटे प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रही हैं, जो असफल हो रहे हैं। कर्मचारियों में भी संदेह बढ़ा है। 62 फीसदी मानते हैं, एआइ को लेकर हाइप हकीकत से ज्यादा है। कई कंपनियां नौकरी कटौती का प्लान वापस लेे रही है।

Published on:
26 Aug 2025 10:56 am
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