डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाने का क्रेडिट लिया है, लेकिन इस बार उन्होंने एक अलग ही कहानी सुनाई है। क्या है पूरा मामला? आइए नज़र डालते हैं।
'पहलगाम आतंकी हमले' (Pahalgam Terrorist Attack) और 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव (India-Pakistan Conflict) काफी बढ़ गया था। पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइलें और ड्रोन्स दागें, जिन्हें भारतीय सेना ने मार गिराया और पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर भी हवाई हमले किए, जिनकी वजह से पाकिस्तान को काफी नुकसान भी पहुंचा। बाद में पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने पर भारत सीज़फायर के लिए तैयार हो गया। हालांकि अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump), भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने का क्रेडिट लेने से पीछे नहीं हटते। कई मौकों पर ट्रंप ऐसा कर चुके हैं और अब एक बार फिर उन्होंने ऐसा ही किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोका। बुधवार को अमेरिका-सऊदी अरब इन्वेस्टमेंट फोरम के दौरान ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का एक बार फिर क्रेडिट लेते हुए एक नई कहानी गढ़ी। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों पर 350% टैरिफ लगाने की धमकी दी, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध रोकने के लिए राज़ी हुए।
ट्रंप अब तक 60 से ज़्यादा बार दावा कर चुके हैं कि भारत-पाकिस्तान युद्ध उन्होंने ही रुकवाया था और इसके लिए उन्होंने टैरिफ और ट्रेड डील का इस्तेमाल किया। हालांकि भारत की तरफ से यह दावा खारिज किया जा चुका है। ट्रंप ने जब पहली बार इस बात का दावा किया था तब भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा था कि सीज़फायर में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साफ कर दिया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग आपसी बातचीत से रुकी और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष ने कुछ नहीं किया। पीएम मोदी ने ट्रंप से फोन पर हुई बातचीत के दौरान भी यह बात साफ कर दी थी। पाकिस्तानी सेना में डीजीएमओ काशिफ अब्दुल्लाह ने भी कबूला था कि सीज़फायर के लिए पाकिस्तान ने सीधे भारत से ही बात की थी, किसी तीसरे पक्ष से नहीं।